In this poignant poem titled "Prem Ko Ped Hona Chahiye", the poet Stuti Rai draws a heartfelt parallel between love and a tree. Through rich metaphors and subtle imagery, she beautifully portrays love as enduring, selfless, and nurturing—standing tall through all seasons of life.
Stuti Rai Poetry in Hindi
स्तुति राय की कविता : "प्रेम को पेड़ होना चाहिए" एक भावनात्मक हिंदी कविता है जो प्रेम की गहराई, त्याग और स्थिरता को वृक्ष रूपी प्रतीक के माध्यम से व्यक्त करती है। पढ़िए यह संवेदनशील और जीवनदर्शी काव्य।
Stuti Rai Ki Kavita
प्रेम को पेड़ होना चाहिए
प्रेम को पेड़ होना चाहिए
पतझड़ हो या वसंत
हर ऋतु में
वह बिना किसी हलचल के
खड़ा रहें,
ऐसा बिल्कुल नहीं कि
ऋतुओं का असर नहीं होता
लेकिन पेड़ उन सबको
वैसे ही स्वीकार कर लेता है
जैसे वह पानी, प्रकाश, हवा
सबको खुद में समाहित कर लेता है,
प्रेम को भी पेड़ होना चाहिए
सारी उपेक्षाओं, सारी गलतफहमियों
सारे आरोपों प्रत्यारोपों के बाद भी
अविचल खड़े रहना चाहिए
उसे ठीक वैसे ही होना चाहिए
जैसे पेड़,
पतझड़ में खुद पत्तों का त्याग कर देना
और वसंत में ओढ़ लेना,
प्रेम को पेड़ होना चाहिए
जैसे पेड़ किसी का घर बन जाता है
और किसी का घर बना देता है
प्रेम को भी किसी का घर
बन जाना चाहिए और किसी का घर
बना देना चाहिए ,
प्रेम को पेड़ होना चाहिए।
- स्तुति राय
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