Ashok Srivastav'Kumud' Ki Rachana
💗 दीवानगी 💗
सनम इज़हारे इश्क में, हाले दिल ना पूछिए
फासला ज्यों ज्यों घटा, दीवानगी बढ़ती गई
नज़रें मिलाके नज़रों से, जैसे झुकाया पलकों को
दिल की बढ़ी दीवानगी, सुरुर-ए-इश्क चढ़ता गया
छाया जुनून इश्क का, ये मर्ज उनका ही दिया
वो मुस्कुराती ही रहीं, और मर्ज बढ़ता ही गया
जब जब कहा ऐ दिलरुबा, प्यारी तेरी नादानगी
इठला कर बोली प्यार से, प्यारी तेरी दीवानगी
अशोक श्रीवास्तव "कुमुद"
राजरुपपुर, इलाहाबाद
ये भी पढ़ें;
✓ अशोक श्रीवास्तव कुमुद की कविता : अंतिम अभिलाषा
✓ Kitab Mahal Poetry By Stuti Rai : किताब महल
रोचिका अरुण शर्मा की रचनाओं में प्रेम-कहानी एवं कविता पाठ
Even more from this blog
Dr. MULLA ADAM ALI
Dr. Mulla Adam Ali / डॉ. मुल्ला आदम अली
हिन्दी आलेख/ Hindi Articles
कविता कोश / Kavita Kosh
हिन्दी कहानी / Hindi Kahani
My YouTube Channel Video's