सकारात्मक धन्यवाद! 🙏😃
अपनी भावनाओं को नियंत्रित करना चाहते हों? कृतज्ञता की भावना का अभ्यास करें। जब कोई मदद करता है या उपहार देता है तो 'धन्यवाद' कहना आम बात है। यह केवल शब्दों की बात नहीं है। लंबे समय तक मानसिक रूप से भी इसका सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। आनंद का कारण बनता है। सकारात्मक भावनाओं को बढ़ावा देता है। एक प्राकृतिक अवसाद रोधी (Antidepressant) के रूप में भी काम करता है। धन्यवाद देते समय, प्राप्त करते समय, मस्तिष्क न्यूरोट्रांसमीटर डोपामाइन और सेरोटोनिन (हार्मोन डोपामाइन और सेरोटोनिन हैप्पी हार्मोन, जिनके कारण आदमी के मूड और भावनाओं में बदलाव होता है) जारी करता है। ये मन को प्रफुल्लित और उत्साहित रखते हैं, सिर्फ दूसरों को ही नहीं खुद को भी.. आप जागते समय इसके लिए कुछ समय निकालकर खुद को और प्रकृति को भी धन्यवाद दिया करो।
"धन्यवाद"
ये भी पढ़े;
* Story of an Eagle : बदलाव से डरो मत
* मैथिलीशरण गुप्त: नर हो न निराश करो मन को कविता की व्याख्या
* Gautama Buddha: मृत्यु के बारे में बुद्ध ने क्या कहा
Even more from this blog
Dr. MULLA ADAM ALI