Hindi Ghazal : "Bhula Bisra" by Ashok Srivastava "Kumud"
Kavita: Bhula Bisra
कविता कोश में आज आपके समक्ष अशोक श्रीवास्तव "कुमुद" जी द्वारा रचित हिंदी ग़ज़ल "भूला बिसरा"। पढ़े और आनंद लें।
भूला बिसरा
कुछ कुछ भूला कुछ याद रहा।
जब जब सोचा अवसाद रहा।
जीवन भर बेपरवाह रहा,
क्यों मन में फिर फरियाद रहा।
जब सब दिल ने बरदाश्त किया,
क्यों विरह तपन अपवाद रहा।
ईश्वर ने जब निज हाथ गढ़ा,
क्यों बिसरा क्यों बरबाद रहा।
कुव्वत थी तू हर अर्श छुए,
क्यों "कुमुद" बना बुनियाद रहा।
अशोक श्रीवास्तव "कुमुद"
राजरूपपुर, प्रयागराज (इलाहाबाद)
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