Guru Ravidas Jayanti 2023 : संत रविदास से संबंधित महत्त्वपूर्ण तथ्य
हर वर्ष माघ महीने में पूर्णिमा (माघ पूर्णिमा) के तिथि के दिन भक्ति काल के महान दार्शनिक संत रविदास की जयंती मनाई जाती है। इस वर्ष रविवार 5 फरवरी 2023 को गुरु रविदास जयंती (जन्मोत्सव) है। 5 February 2023 Magh Purnima Sant Ravidas Jayanti. आइए आज संत रैदास जयंती पर विशेष रैदास जी से जुड़े महत्वपूर्ण जानकारी को प्राप्त करेंगे।
संत रविदास (Guru Ravidas) से संबंधित महत्त्वपूर्ण तथ्य :
1. रविदास जयंती (Guru Ravidas Jayanti) कब और क्यों मनाई जाती है?
ज. संत रविदास जयंती (Guru Ravidass Jayanti) हिन्दू कैलेंडर के अनुसार माघ महीने की पूर्णिमा (Magh Purnima) पर मनाई जाती है। इस बार ये दिन रविवार, 5 फरवरी को है। इस वर्ष उनका 647 वां जन्मदिवस मनाया जा रहा है। वाराणसी के पास के गांव में संत रविदास जी का जन्म हुआ था।
2. संत रविदास जी का जन्म कब हुआ था? रैदास जी का जन्मस्थान?
ज. गुरु रविदास जी का जन्म 1388 में माघ पूर्णिमा के दिन वाराणसी के निकट सीर गोवर्धन गांव (उत्तरप्रदेश) में हुआ था। कुछ विद्वानों का मानना है कि इनका जन्म 1398 को हुआ था। रैदास और कबीर समकालीन थे। उनके जन्मस्थान को अब श्री गुरु रविदास जन्मस्थान कहा जाता है।
3. गुरु रविदास जी के माता पिता का नाम?
संत रविदास जी के माता का नाम श्रीमती कलसा देवी और पिता का नाम श्री संतोख दास जी है। संत रविदास की पत्नी का नाम श्रीमती कलसा देवी और पुत्र का नाम विजय दास है।
4. गुरु रविदास का गुरु का नाम क्या था? (Sant Ravidas Ke Guru)
संत रविदास जी के वास्तविक आध्यात्मिक गुरु कबीर साहेब जी थे लेकिन कबीर साहब जी के कहने पर संत रैदास जी ने स्वामी रामानंद जी को गुरु बनाया था।
5. गुरु रविदास जी के शिष्य कौन थे?
ज. कृष्ण भक्ति शाखा की कवयित्री मीराबाई के गुरु संत रैदास जी थे।
6. रैदास की काव्य रचनाओं की भाषा कौन है?
ज. संत रविदास ने ब्रजभाषा का प्रयोग अपनी काव्य रचनाओं में किया है।
7. संत रविदास जी के अन्य नाम?
ज. रविदाजी (पंजाब), रैदास (उत्तर प्रदेश, मध्यप्रदेश और राजस्थान), 'रोहिदास' (गुजरात और महाराष्ट्र) और बंगाल के लोग उन्हें ‘रुइदास’ कहते हैं। रायादास, रेदास, रेमदास और रौदास के नाम से कई पुरानी पांडुलिपियों में उन्हें जाना गया है।
8. रैदास की भक्ति भावना कैसी है?
ज. निर्गुण भक्ति शाखा के ज्ञानमार्गी शाखा के कवियों में प्रमुख रैदास की भक्ति सेवक (दास्य भक्ति) और मालिक के समान है जिस प्रकार सेवक अपने मालिक की भक्ति करता है और अपना पूरा जीवन उस मालिक की भक्ति पे लगा देता है उसी प्रकार रैदास ने भी अपनी भक्ति भावना दिखाई।
9. रैदास के दोहे हिंदी अर्थ सहित : Guru Ravidas Amritvani - जाति-जाति में जाति हैं, जो केतन के पात - रविदास जी के दोहे और अर्थ : jaati-jaati mein jaati hai
10. रविदास जयंती की हार्दिक शुभकामनाएं : Happy Guru Ravidas Jayanti 2023 - Sant Ravidas Jayanti 2023 Wishes in Hindi
आप सभी को संत शिरोमणि रविदास जयंती की हार्दिक शुभकामनाएं।
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