सब को मिट्टी में मिलना है : हमीद कानपुरी

Dr. Mulla Adam Ali
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Sabko Mitti Mein Milna Hai

Hameed Kanpuri Poetry

hameed kanpuri poetry in hindi

सब को मिट्टी में मिलना है

जो इंसान हुआ है पैदा,

उस को मिट्टी में मिलना है।


नीचा ऊँचा मुफ़लिस राजा,

सब को मिट्टी में मिलना है।


डीयम सीयम मंत्री पीयम

हर को मिट्टी में मिलना है।


काहे फिरता सीना ताने,

जब सब मिट्टी में मिलना है।


बात हमीद ये जाने जनजन,

सब को मिट्टी में मिलना है।

हमीद कानपुरी,

अब्दुल हमीद इदरीसी,
वरिष्ठ प्रबन्धक, सेवानिवृत,
पंजाब नेशनल बैंक, मण्डल कार्यालय, कानपुर-1

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