Kabir Mahima Hindi Kavita: Poem on Kabirdas
Sant Kabir Das par kavita : भारतीय रहस्यवादी कवि और संत कबीरदास हिंदी साहित्य के भक्तिकाल के निर्गुण शाखा के ज्ञानमार्गी उपशाखा के प्रमुख कवि और समाज सुधारक थे। कबीर महिमामण्डित व्यक्तित्व वाले हिंदू और मुस्लिम धर्म को मानते हुए सर्वोच्च ईश्वर में विश्वास रखते हैं। समाज में व्याप्त अंधविश्वासों को दूर करने के लिए कबीर ने अपने उपदेशों से लोगों में जागरूकता लाने वाले संत कबीर दास जी है। आइए आज कविता कोश में हिंदी के महान समाज सुधारक कवि संत कबीरदास पर कविता "कबीर महिमा" पढ़ते हैं। संत कबीर पर कविता, कबीरदास पर हिंदी कविता पढ़े और शेयर करें।
कबीर महिमा
कबीर हैं सन्त काव्य के प्रतिनिधि कवि,
उनकी कविता का सन्देश है-मानवतावादी भावना।
कबीर ने दिखाया है हमें धार्मिक एकता का मार्ग,
उन्होंने की है जीवन की विकट आलोचना ॥1॥
जीवन के विद्यालय से पढ़कर आए थे कबीर,
उन्होंने दिया है भारतवासियों को सन्देश- प्रधान साहित्य।
कबीर का साहित्य है क्रान्तिकारी चिन्तन का साहित्य,
उन्होंने दिया है हमें वस्तुतः कालजयी साहित्य ॥ 2 ॥
महाकवि कबीर हैं साहित्य के क्षेत्र में आदि व्यंग्यकार,
इसीसे निकलता है उनका समाज सुधारक रूप।
कबीर की कविता की प्रभावशीलता है अभूतपूर्व,
आज तक प्रभावित कर रहा है उनका व्यंग्यकार-रूप ॥3॥
हिन्दू-मुस्लिम एकता के पक्षधर हैं कबीर,
उनकी वाणी के साँस्कृतिक-सामाजिक मूल्य हैं निरापद।
कबीर का काव्य है आज भी जागरण का काव्य,
अपने साहित्य में उनका समन्वयवादी रूप है निरापद ॥4॥
ऐसे सन्त कबीर साहब को आज याद करें हम।
'आदि व्यंग्यकार' को सम्पूर्ण मन से नमन कर ॥5॥
- महेशचन्द्र शर्मा
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