जीवन लक्ष्य पर कविता : Jeevan Lakshya Poem by Parashuram Shukla

Dr. Mulla Adam Ali
0

Jeevan Lakshya Poem by Dr. Parashuram Shukla : Poem on Goals in Life

Jivan Lakshya Poem in Hindi

जीवन लक्ष्य पर कविता : जीवन में लक्ष्य पाने की भूख को लेकर डॉ. परशुराम शुक्ल की कविता "जीवन लक्ष्य", लक्ष्य पर बेहतरीन हिंदी कविता जीवन लक्ष्य पर कविता, Life Ambition Poem by Parashuram Shukla, Dr. Parashuram Shukla Poetry in Hindi, Hindi Kavita Kosh, Hindi Poetry...

Jivan Lakshya Poem in Hindi

जीवन लक्ष्य

भक्तराज प्रहलाद बनो या,

ध्रुव समान बन जाओ।

त्याग, तपस्या और लगन से,

धरती पर छा जाओ।


कवि बनना तो गुरु रवीन्द्र से,

गीतांजलि सम लिखना।

वृहत्रयी सा याद करें सब,

युगों-युगों तक खिलना।


वीर शिवा, राणा प्रताप भी,

जीवन लक्ष्य तुम्हारे।

तात्या टोपे वीर भगत सिंह,

जिनसे दुश्मन हारे॥


जन सेवा की इच्छा हो तो,

राष्ट्रधर्म हो प्यारा। 

युग निर्माता गौतम, गाँधी

हों आदर्श तुम्हारा।


चित्रकार या मूर्तिकार या,

मानव शिल्पी शिक्षक।

सेना के सर्वोच्च शिखर पर,

या साधारण रक्षक॥


भारत की बगिया के फूलों,

तुम कुछ भी बन जाओ।

पर पथ पर बढ़ने के पहले,

अपना लक्ष्य बनाओ।।

- डॉ. परशुराम शुक्ल

बाल साहित्यकार,

भोपाल (मध्यप्रदेश)

ये भी पढ़ें; Short Essay on Success in Hindi : जीवन में सफलता पर निबंध हिंदी में

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें (0)

#buttons=(Accept !) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Learn More
Accept !
To Top