वैदेही सीता पर कविता : Vaidehi Mata Sita - Poem On Sita Mata In Hindi

Dr. Mulla Adam Ali
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Poem on Vaidehi Mata Sita : Poem On Sita Mata In Hindi

Poem on Vaidehi Mata Sita

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वैदेही


हे! जनक नन्दिनी सीता मैय्या

तुम भारत का अभिमान हो। 

सहनशीलता, करूणा से भरी 

आदर्श नारी की पहचान हो।। 


हे! प्राण प्रिय श्री राम चन्द्र की 

उनका गौरव, उनकी आन हो। 

पत्नीव्रता, निश्छल और प्यारी 

श्री राम जी के प्राण हो।। 


हे! दशरथ जी की पुत्रवधू 

तुम अयोध्या की शान हो। 

बेटी बनाकर लाये मिथिला से

अयोध्या के लिए सम्मान हो।। 


हे! लवकुश की मातेश्वरी 

तुम जननी बडी महान हो। 

अकेले कष्टों से पाला पुत्रों को 

तुम ममता का वरदान हो।। 

Nidhi Mansingh

- निधि 'मानसिंह'

कैथल, हरियाणा

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