पानी बनकर आऊँ : पर्यावरण प्रदूषण पर जागरूक बाल कविता

Dr. Mulla Adam Ali
0

Pani Bankar Aau Hindi Bal Kavita, Children's Poetry in Hindi, Kids Poems, Hindi Bal Kavita Kosh, Poetry Collection.

Prabhudayal Shrivastav Hindi Poetry

Poem on Environment Pollution

बाल कविता हिन्दी में : दादाजी की मूंछें लंबी 22 बाल कविताओं का संग्रह से प्रभुदयाल श्रीवास्तव की शिक्षाप्रद बाल कविता पानी बनकर आऊँ में पर्यावरण प्रदूषण के बारे में बताया गया है, पढ़िए और शेयर कीजिए।

प्रभुदयाल श्रीवास्तव की शिक्षाप्रद बाल कविताएं

पानी बनकर आऊँ


गरमी के मारे मुझको तो,

रात नींद ना आई।

बादल से धरती ने पूछा,

कब बरसोगे भाई।


बादल बोला पास नहीं है.,

बदली पानी वाली।

ईंधन की गरमी से मैं हूँ,

बिलकुल खाली-खाली।


पर्यावरण प्रदूषण इतना,

रात घुटन में बीती।

पता नहीं कब दे पाऊँ जल,

प्यारी धरती दीदी।


अगर प्रदूषण कम करवा दो.

शायद कुछ कर पाऊँ।

हरे घाव में मलहम सा मैं.

पानी बनकर आऊँ।


- प्रभुदयाल श्रीवास्तव

ये भी पढ़ें; प्रभुदयाल श्रीवास्तव की बाल कविता : गिल्लू के मोजे

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें (0)
To Top