बसंत : हिंदी कविता - पूजा सिंह

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Puja Singh Poetry : Basant

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Hindi Poem Basant : हिंदी कविता कोश में प्रस्तुत है बैरकपुर, पश्चिम बंगाल से हिंदी लेखिका, पर्यावरण प्रेमी पूजा सिंह की बेहतरीन कविता बसंत, वसंत के आगमन पर बेहतरीन कविता पढ़े और शेयर करें।

पूजा सिंह की कविता

बसंत


कोहरे की चादर अब 

उतर रही धीरे धीरे 

करकती सर्द अब 

पिघल रही धीरे धीरे 

स्नेहिल ऊष्मा से 

पोषित होरहा प्रकृति

का रोम रोम 


लागत है वसंत आगया 

हवा में घुली हुई है महक महुआ की 

एक नशा भी है 

इस हवा में 

ये बसंती हवा है 

पूरी धरती सजी है

 

एक अनकहे प्रेम में 

धरती और आकाश के 

अनंत प्रेम में....


- पूजा सिंह

बैरकपुर (पश्चिम बंगाल)

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