Mutti Mein Hain Lal Gulal Poetry Collection Book by Prabhudayal Shrivastava in Hindi, Hindi Children's Poems, Bal Geet in Hindi.
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Bal Kavita In Hindi : मुट्ठी में है लाल गुलाल (बाल कविता संग्रह) से प्रभुदयाल श्रीवास्तव की बाल कविता आखिर हम भी प्राणी है, बालमन की रोचक हिंदी बाल कविता आखिर हम भी प्राणी है (machhar par baal kavita), पढ़िए मजेदार बाल गीत और शेयर कीजिए।
Poem on Mosquito in Hindi
आखिर हम भी प्राणी है
हाथ हथौड़ा मारा हमको,
यह कैसी बेमानी है।
मच्छर है तो क्या होता है,
आखिर हम भी प्राणी है।
लहू एक रत्ती पी लेना,
यह तो बड़ा गुनाह नहीं।
इंसानों को हम लोगों के,
जीवन की परवाह नहीं।
मच्छरमार युद्ध हर घर में,
घर-घर यही कहानी है।
लिए हाथ में गन के जैसे,
चीनी रैकिट बैठे हो।
बाज मांस पर झपटे हम पर,
आप झपटते वैसे हो।
हाय! हमारी नस्ल मिटाने,
की क्यों तुमने ठानी है?
आतंकी जब घुसें देश में,
तब तो कुछ न कर पाते।
मच्छरदानी में हम घुसते,
तो हथगोले चलवाते ।
यह कैसी तानाशाही है,
यह कैसी शैतानी है।
बची-खुची जो कसर रही है,
ऑल आउट पूरी कर दे।
अपनी जहरीली गैसों से,
मौत हमारे सिर धर दे।
अब सिर के ऊपर से भैया,
सचमुच निकला पानी है।
इसका बदला हम भी लेंगे,
रक्तबीज बन जाएँगे।
मारोगे तुम एक अगर हम,
सौ पैदा हो जाएँगे।
कभी नहीं अब इंसानों से,
मुँह की हमको खानी है।
- प्रभुदयाल श्रीवास्तव
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