अलविदा से पहले : निधि मानसिंह की कविता

Dr. Mulla Adam Ali
0

Nidhi Maansingh Poem in Hindi Alvida Se Pahle, Hindi Life Poems, Poetry Collection, Kavita Kosh Zindagi Kavita in Hindi.

Kavita Alvida Se Pahle

alvida se pahle kavita in hindi

ज़िन्दगी की भागदौड़ में कुछ पल ठहरने और आत्ममंथन की खूबसूरत प्रेरणा देती निधि 'मानसिंह' की यह कविता जीवन और समय के बीच एक भावनात्मक संवाद को प्रस्तुत करती है।

निधि 'मानसिंह' की कविता

अलविदा से पहले

कुछ अपनी कहती जा,  

कुछ मेरी सुनती जा —  

सुन ए ज़िन्दगी,  

क्यों इतना दौड़ा रही है?


चल, ठहरते हैं पल दो पल  

किसी नदी के किनारे।  


देखेंगे मिलकर  

उठते-गिरते  

चंचल, मदमस्त  

नदी की धाराएँ।  


क्या पता, तू  

कब अलविदा कह जाए मुझसे।


- निधि मानसिंह

ये भी पढ़ें; निधि मानसिंह की सात छोटी सी कविताएँ

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें (0)

#buttons=(Accept !) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. learn more
Accept !
To Top