मेवाड़ की शान: Maharana Pratap Ki Veerta – एक वीर राजपूत की गौरवगाथा

Dr. Mulla Adam Ali
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Discover the legendary bravery of Maharana Pratap, the pride of Mewar. A poetic tribute to his valor and the Battle of Haldighati.

Mewar Ki Shaan : Maharana Pratap

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Maharana Pratap Jayanti Special : महाराणा प्रताप की वीरता, हल्दीघाटी युद्ध और चेतक की स्वामीभक्ति पर आधारित प्रेरणादायक हिंदी कविता। पढ़ें भारत के इस शूरवीर की कहानी। यह कविता महाराणा प्रताप की जयंती (29 मई) पर एक श्रद्धांजलि है, जो भारत की वीरता और आत्मसम्मान का प्रतीक हैं।

महाराणा प्रताप जयंती पर विशेष कविता

मेवाड़ की शान 


राणा सांगा का वंशज,

था वीर बड़ा महान।

कुम्भलगढ़ में जन्म लिया,

वह मेवाड़ की शान।।


माता जिसकी जयवन्ती,

पिता उदयसिंह जान।

राणा प्रताप नाम धरा,

कुलभूषण था महान।।


हल्दी घाटी समर हुआ,

मुगलअकबर के संग।

शौर्य प्रताप का देखकर,

मुगल सभी रहे दंग।।


रक्त तलाई समर भूमि,

बही लहू की धारा।

मेवाड़ी वीरों ने जब,

एक-एक को मारा।।


पुंजा,हमीर,मानसिंह,

रहे प्रताप के साथ।

भीलों की सेना ने भी, 

झुकाया कभी न माथ।।


नीला घोड़ा का सवार,

बना दुश्मन का काल।

चला कौशल दिखाने को

हाथ में थामे ढाल।।

 

चेतक स्वामीभक्त बडा़,

बचाई भू की शान।

मातृभूमि-रक्षा खातिर,

मिटग्यो वीर महान।।


उन्नतीस मई जयंती,

याद प्रताप को करें।

गौरव गाथा उनकी गा,

चरणों में शीश धरें।।


- मधु माहेश्वरी 

सेवा निवृत्त प्राध्यापिका
सलूंबर राजस्थान

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