महिला दिवस पर कविता: प्रकृति और नारी

Dr. Mulla Adam Ali
0


🌳प्रकृति और नारी 🚺

एक प्रकृति एक नारी दोनों

कर्तव्य के बोझ की मारी।


आंचल में आंसू लेकर,

सींचे रिश्तों की क्यारी।


एक हरा-भरा जीवन देती,

सांसों में प्राण भर देती।


बेटी, बहू माता बनकर

दूजी जीवन अर्पण कर देती।


कितना भी हो दुख चाहे?

कितना भी हो कठिन सफर?


कभी ना ये जीवन से हारी

एक प्रकृति एक नारी दोनों

कर्तव्य के बोझ की मारी।

 निधि "मानसिंह"

कैथल, हरियाणा

ये भी पढ़ें

* अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर विशेष: महिला समाज की असली शिल्पकार होती है

* Women's Day Special: सामाजिक खुशहाली की कसौटी है स्त्री की दशा

* International Women Day 2022: अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस का महत्व, उद्देश्य इतिहास और थीम

* International Women's day Poetry: स्त्रियाँ कलाकार होती हैं


Even more from this blog
Dr. MULLA ADAM ALI

Dr. Mulla Adam Ali / डॉ. मुल्ला आदम अली

हिन्दी आलेख/ Hindi Articles

कविता कोश / Kavita Kosh

हिन्दी कहानी / Hindi Kahani

My YouTube Channel Video's

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें (0)

#buttons=(Accept !) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Learn More
Accept !
To Top