मुख्यपृष्ठनौशीन अफशानौशीन अफशा की कविता निष्कर्ष नौशीन अफशा की कविता निष्कर्ष Dr. Mulla Adam Ali 10:46 pm 0 ⌛⏳ निष्कर्ष ⏳⌛जिंदगी में जितना कुछ हुआ सब सबक बन गया–नदी को सागर ....चिड़िया को तिनका...सूखे दरख़्त को नए पत्ते...उदासी को हंसी मिल गई..! हर चेहरा एक निष्कर्ष हैअपने अब तक के जिए गए अतीत का।नौशीन अफशाएम.ए., बीएड., हिंदीदिल्लीये भी पढ़ें;✓ नौशीन अफशा की कविता मजदूर वर्ग✓ कीर्ति मल्लिक की दो कविताएं Tags कविता नौशीन अफशा Facebook Twitter Whatsapp अन्य ऐप में शेयर करें नौशीन अफशा की कविता निष्कर्ष कविता और नया पुराने