नौशीन अफशा की कविता निष्कर्ष

Dr. Mulla Adam Ali
0

⌛⏳ निष्कर्ष ⏳⌛

जिंदगी में जितना कुछ हुआ 
सब सबक बन गया–
नदी को सागर ....
चिड़िया को तिनका...
सूखे दरख़्त को नए पत्ते...
उदासी को हंसी मिल गई..! 
हर चेहरा एक निष्कर्ष है
अपने अब तक के जिए गए अतीत का।
नौशीन अफशा

एम.ए., बीएड., हिंदी
दिल्ली

ये भी पढ़ें;

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें (0)
To Top