⌛⏳ निष्कर्ष ⏳⌛
जिंदगी में जितना कुछ हुआ
सब सबक बन गया–
नदी को सागर ....
चिड़िया को तिनका...
सूखे दरख़्त को नए पत्ते...
उदासी को हंसी मिल गई..!
हर चेहरा एक निष्कर्ष है
अपने अब तक के जिए गए अतीत का।
नौशीन अफशा
एम.ए., बीएड., हिंदी
दिल्ली
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