मैंने देखा है : Stuti Rai Ki Hindi Kavitayein

Dr. Mulla Adam Ali
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Stuti Rai Hindi Poetry

मैंने देखा है

मैंने देखा है

एक ऐसे व्यक्ति को

जो‌ वर्षों से

प्रेम करता आ रहा है 

बिना किसी उम्मीद में

बस वह प्रेम जानता है

वो नहीं चाहता

उसे पा लेना

लेकिन 

वो चाहता है

उसे खुद में जी लेना

वो करता रहेगा प्रेम

सदियों तक

वो जीता रहेगा प्रेम

बिना किसी उम्मीद में

मैंने देखा है

उस व्यक्ति को

प्रेम में रोतें हुए

तड़पते हुए

प्रेम दर्द है

और वो उसे

आनंद की‌ चरमावस्था पर

ले जाना चाहता है ।


Poetry by Stuti Rai

मैंने प्रेम किया

मैंने प्रेम किया

हर बार किया

कोई अजनबी मिल ही जाता है

लेकिन

हर बार चला जाता है

प्रेम

और बची रह जाती है तो

सिर्फ कविताएं।

स्तुति राय

शोध छात्रा,

महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ

वाराणसी

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