Aashiyana Poetry by Kunal Meena : आशियाना

Dr. Mulla Adam Ali
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Aashiyana Poetry by Kunal Meena : Aashiyana Hindi Kavita

आशियाना हिंदी कविता

आज कविता कोश में आपके लिए कुनाल मीना की कविता "आशियाना", पढ़े और शेयर करें।

आशियाना

कितना दर्द है इस दिल में

मैं किसी को बताता नहीं।

हां ये सच है कि आजकल

मैं! पहले जैसा मुस्कुराता नहीं।


संमदर है आंसूओं का दिल में

पर किसी को दिखाया जाता नहीं।

एक घुटन सी रहती है हरदम

एक आंसू भी मै बहाता नहीं।


सुकुन चैन भी खो गया घर का

इसलिए घर पे ताला लगाता नहीं।

जब से बिखरा 'आशियाना' मेरा

तब से मैं! घर जाता नहीं।


तू छोड़कर चली गई मुझे

क्या? तुझे मै याद आता नहीं।

बीच सफर मे जैसे तूने छोड़ा 

मैं! कभी छोड़कर तुझे जाता नहीं।

- कुनाल मीना

दौसा, राजस्थान

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