Poem on Nana Ji in Hindi: नाना जी पर हिंदी बाल कविता

Dr. Mulla Adam Ali
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Nana Ji Hindi Bal Kavita

Poem on Nana Ji in Hindi

Hindi Children's Poem Nana Ji: कविता कोश में आज आपके लिए बद्री प्रसाद वर्मा 'अनजान' की हिंदी बाल कविता "नाना जी", पढ़े और शेयर करें।

हिंदी बाल कविता: नाना जी

गर्मी की छुट्टी में जब 

घर आते नाना जी। 

अपने साथ नानी को भी 

ले कर आते नाना जी। 


गांव की सारी चीजे 

ले कर आते नाना जी। 

भूजा सत्तू लाई चूड़ा 

सब लाते नाना जी। 


आम आंवला और मरचा करवन का 

अचार सब लाते नाना थी। 

लाई का धोधा और तिलका का लड्डू 

सब लाते नाना जी। 


शूद्ध गाय का घी भी

ले आते नाना जी।  

पका बेल जामुन और लीची 

खूब लाते नाना जी। 


रोज सुबह उठ कर हमें 

पाकॅ घुमाने ले जाते नाना जी। 

दही का लस्सी और शरबत 

पीते और पीलाते नाना जी। 


छुट्टी भर साथ रह कर 

सबका मन बहलाते नाना जी। 

खुलते ही स्कूल गांव को 

लौट जाते नाना जी। 

- बद्री प्रसाद वर्मा अनजान 

अध्यक्ष स्वगीॅय मीनु रेडियो श्रोता क्लब 

गल्ला मंडी गोला बाजार 273408 गोरखपुर (उ.प्र)

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