खुल गए स्कूल | हिंदी बाल कविता | Khul Gaye School Hindi Kavita

Dr. Mulla Adam Ali
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Poem on school in Hindi : Khul Gaye School

Poem on school in Hindi

Khul Gaye School Hindi Kavita : बद्री प्रसाद वर्मा 'अनजान' की हिंदी बाल कविता "खुल गए स्कूल", बच्चों के लिए बाल गीत स्कूल खुलने से रिलेटेड कविता हिंदी में। Khul Gaye School Poem in Hindi, जुलाई पर कविता, Hindi Summer Season Poem, Poem on July in Hindi...

खुल गए स्कूल

आया माह जुलाई देखो

खुल गए सारे स्कूल।

बस्ता लेकर जाने लगे

बच्चे सब स्कूल।


रोज सवेरे बस वाला

लेने हमें आ जाता।

मैं तैयार होकर

स्कूल पढ़ने जाता।


सब बच्चों के मन को

बहुत भाता है स्कूल।

पढ़ना-लिखना सब कुछ

सिखलाता है स्कूल।


होमवर्क अब रोज हमें

करना पड़ता है।

टीचर के सवालों का जवाब

हमें देना पड़ता है।


शाम को बस वाला हमें

घर पहुंचा जाता है।

सचमुच स्कूल जाना रोज

मन को बहुत भाता है।

- बद्री प्रसाद वर्मा अनजान

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