छाता पर कविता : Poem On Umbrella in Hindi

Dr. Mulla Adam Ali
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Badri Prasad Verma Poetry Chaata in Hindi

Poem On Umbrella in Hindi

Poem On Umbrella in Hindi : बद्री प्रसाद वर्मा अनजान की छाता के विषय पर बेहतरीन हिंदी कविता "छाता" कविता कोश में। पढ़े और साझा करें। छाता पर कविता, Chaata Hindi Kavita, Children's Poem on Umbrella in Hindi.. 

छाता 

आता जब बरसात तो 

घर से निकल पड़ता है छाता। 

धूप और बरसात से 

सबको बचाता छाता। 


बच्चों और बड़ो के हाथों में 

नजर आता है छाता। 

काला नील लाल पीला 

रुप दिखाता छाता। 


बरसात के मौसम में 

सबका साथी बन जाता छाता। 

नहीं किसी से कुछ लेता 

अपना सब कुछ देता छाता। 


बटन दबाओ तो खुल जाता 

बटन से बंद हो जाता छाता। 

तरह तरह के माडल में 

बाजारों में बिकता छाता। 


हर गरीब और हर अमीर से 

साथ निभाता छाता। 

जाति पात और ऊंच नीच का 

भेद नही करता छाता।

- बद्री प्रसाद वर्मा अनजान 

अध्यक्ष स्वर्गीय मीनू रेडियो श्रोता क्लब 

गल्ला मंडी गोला बाजार 273408 गोरखपुर (उ.प्र)

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