शब्दों की असमर्थता : स्तुति राय की कविता | कविता कोश

Dr. Mulla Adam Ali
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Hindi Kavita : Poetry by Stuti Rai

Hindi Kavita by Stuti Rai

हिंदी कविता शब्दों की असमर्थता : कविता कोश में वाराणसी, महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ की शोध छात्रा स्तुति राय की कविता 'शब्दों की असमर्थता', पढ़े और शेयर करें।

शब्दों की असमर्थता

शब्द इतने सशक्त नहीं हुए हैं अभी

की वो बयां कर सकें

उन अन्तर्मन के भावों को

जिसे स्वयं वो नहीं जानता 


जानता है दुनिया के सबसे खूबसूरत रिश्तें

दोस्ती के बारे में,

लेकिन गुढ़ भावों का माप 

उसके पास नहीं,

 

नहीं बता सकता की रिश्ते

बेला की तरह खुश्बू देते हैं

या मधुमालती की तरह,


वो नहीं चख सकता की

रिश्ते में अभी कितनी मिठास

घुल चुकी है ,


मुझे इतना तो पता है कि

हर खूबसूरत रिश्ता

असमर्थताओं से नहीं सम्भावनाओं से घिरा है

लेकिन, खुद की सीमा को समझते हुए

कितनी असमर्थता है और कितनी सम्भावना

यह वो शब्द नहीं बता सकता


इसलिए मेरे दोस्त

मैं असमर्थ हूं

आपको को कोई प्रस्तावना लिखने में।


- स्तुति राय

शोध छात्रा

महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ वाराणसी

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