Bachpan Mera Poem in Hindi : बचपन मेरा कविता - डॉ. गिरिराजशरण अग्रवाल

Dr. Mulla Adam Ali
0

Dr. Girirajsharan Agarwal Poetry in Hindi : Bachpan Mera Kavita Hindi

Bachpan Mera Kavita Hindi

बचपन पर बाल कविता : बचपन पर डॉ. गिरिराजशरण अग्रवाल की बेहतरीन कविता "मेरा बचपन", हिंदी बाल कविता बचपन मेरा, बचपन हिंदी कविता, Bachpan Poem in Hindi, Poem on Mera Bachpan, Mera Bachpan Kavita in Hindi, Dr. G. S. Agarwal Ki Kavita in Hindi, Hindi Kavita Kosh, Childhood Memories Poem in Hindi, Dr. Girirajsharan Agarwal Poetry in Hindi...

Bachpan Mera Kavita in Hindi

बचपन मेरा


कहाँ गया वह बचपन मेरा


उछल-कूद करते थे मिलकर

धमाचौकड़ी हम करते थे

छुट्टी की तो बात निराली

नहीं किसी से हम डरते थे

अब तो दफ्तर की खिच खिच ने

छीन लिया है सुबह सवेरा


लेकर अपनी कलम किताबें

सुबह-सुबह पढ़ने जाते थे

इंटरवल में बैठ बेंच पर

मिलकर हम खाना खाते थे

छूटे सारे दोस्त हमारे

जगह-जगह पर किया बसेरा


नई कहानी हमें सुनातीं

रोज रात को मम्मी दादी

अब तो केवल भाग-दौड़ है

नहीं बैठने की आजादी

अब तो पता नहीं चलता है

रात हुई या हुआ सवेरा

- डॉ. गिरिराजशरण अग्रवाल

ये भी पढ़ें; Hindi Poem On Bachpan : दिल छू जाने वाली बचपन पर कविता

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें (0)

#buttons=(Accept !) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Learn More
Accept !
To Top