हिंदी की लघु कथाएं : गोविंद शर्मा की नौ लघुकथाएँ

Dr. Mulla Adam Ali
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Nine Short Stories in Hindi : Govind Sharma Ki Hindi LaghuKathayein 

Nine Short Stories in Hindi

खाली चम्मच लघुकथा संग्रह से 9 लघुकथाएं : 121 लघुकहानियों का संकलन खाली चम्मच हिन्दी लघुकथा संग्रह से आपके समक्ष प्रस्तुत है लघुकथाकार गोविंद शर्मा की लघु-कथाएं 1. लघु-कहानी दावेदार 2. छोटी सी लघुकथा टाइम टेबल 3. हिन्दी लघुकथा आजाद 4. छोटी छोटी कहानियां सिखाना 5. हिन्दी कहानी शादी 6. लघुकथा फार्मूला 7. शॉर्ट स्टोरी दुखी 8. लघु कथाएं आज का मौसम 9. हिन्दी कहानी सुनवाई। हिन्दी की सर्वश्रेष्ठ लघुकथाएं बच्चों और बड़ों के लिए रोचक ढंग से लिखी गई लघु कहानियां डॉ. मुल्ला आदम अली हिंदी भाषा और साहित्यिक ब्लॉग पर पढ़े और शेयर करें।


Short Stories Hindi Mein Laghukathayein

दावेदार हिन्दी की बेहतरीन लघुकथा 

1. दावेदार (Dawedar)

होंगी काशी की गलियाँ संकरी, उनमें किसी एक सांड के आने पर आवगमन ठप्प हो जाता होगा। हमारे यहाँ की गलियाँ, सड़कें, बाजार चौक खूब चौड़े हैं, पर सांडों की कमी नहीं है, इसलिये कभी कोई तो कभी कोई गली- सड़क दोपायों के लिये बंद हो जाती है। अभी उस दिन एक चौक में कई सांड खड़े आपस में बतिया रहे थे। उनमें से एक अकेला सब से दूर खड़ा था। उनकी बात उसी पर केन्द्रित थी।

अरे, उसे देखो, हम सबसे दूरे अकेला खड़ा है। आज उसे खाने के लिये कुछ ज्यादा ही मिल गया या किसी ने चोटिल कर दिया?

ऐसा कुछ नहीं हैं, आज उसमें मॉडल की फीलिंग है। अभी कुछ देर पहले मोबाइल वाला एक दानवीर आ गया था। उसने इसे एक बासी रोटी अपने हाथ से खिलाई। ऐसा करते वक्त उसने दो-चार सेल्फियाँ भी लीं।

वाह, फिर आज तो इसको नशा रहेगा। कल ही सामान्य हो पायेगा। कल का क्या भारोसा। उस दानवीर ने वह फोटो किसी अखबार में छपवा दी तो नशा और बढ़ जायेगा। हो सकता है, कल यह हमें कोई उड़ता अखबार चबाने भी न दे और अपने आपको टिकट के दावेदारों की लाइन में खडा कर दे। अधिकांश दोपाये भी ऐसे ही दावेदार बनते हैं।


लघुकथा हिंदी में टाइम टेबल : Short Story in Hindi Time Table

2. टाइम टेबल (Time Table)

पत्नी ने उससे कहा- मैंने पता नहीं कितनी बार आपसे कहा कि आफिस से घर समय पर आया करो। सब पाँच बजते ही आफिस छोड़कर घर का रास्ता पकड़ लेते हैं। पर आप सात साढे सात बजे से पहले बाहर नहीं आते। जब मैं कहती कहती थक गई और कहना बंद कर दिया तो आप साढ़े पाँच तक घर आने लगे हो। यह टाइमटेबल बदलने का चमत्कार कैसे हुआ? फिर आजकल तो साथ में खाने-पीने का कोई सामान भी नहीं लाते। घर यूँ आते हो जैसे किसी के यहाँ शोक प्रकट करने आये हो।

उसके होंठों पर उदास-सी मुस्कान आई और बोला- दफ्तर में जब भी कोई नया हैड आता है, कुछ दिन वह भ्रष्टाचार पर अंकुश का नाटक करता है। आजकल यही हो रहा है। देखना कुछ दिनों में अफसर ही असली रंग में आ जायेगा। तब मेरे शुभचिंतक अपने काम के लिये पाँच बजे के बाद मेरे पास आया करेंगे। तब अपना वही पहले वाला टाइम टेबल हो जायेगा।

फिर उसने चाय का खाली कप टेबल पर रखते हुए कहा- तब यह टेबल अब की तरह उदास नहीं दिखेगी, खाने-पीने के सामान से भरी होगी।


लघु कहानी आजाद हिन्दी में : Freedom Short Story in Hindi

3. आजाद (Azad)

गली में कई सांड खड़े थे। गली में गौशाला का वह रिक्शा भी आ गया, जिसमें बासी भोजन संग्रह किया जाता हैं। यह भोजन गौशाला में रहने वाले गाय-सांड को खिलाया जाता है। रिक्शा में पड़े भोजन को देखकर एक नया आया सांड उसकी तरफ लपका तो रिक्शावाला ने डंडा उठा लिया। उसके कदम वहीं रुक गये।

गली में खड़े बाकी सांड भी भूखे थे, पर सब हँसे तो उसे और भी हैरानी हुई। उनमें से एक आगे आया और बोला- तुम नये आये हो, इसलिये तुम्हें पता नहीं है। यह भोजन कैदियों के लिये है। चारदीवारी में बंद गुलामों के लिये है, हम आजाद हैं। यह कहकर उसने गर्व से सींग ऊंचे कर लिये।


Laghukatha Sikhana : छोटी सी कहानी सिखाना

4. सिखाना

सब अपनी-अपनी कह रही थीं। वह महिला क्लब की बैठक थी। यदि पुरूष क्लब की होती तो कह देता- सब अपनी अपनी हाँक रहे थे।

मिसेज रोका जोर से बोली- मेरे जैसी सिखाने वाली कोई हो ही नहीं सकती। मेरी बेटी की ससुराल में जाकर देखो। वहाँ सब उसके संस्कार, शिष्टता, सेवा करने की तारीफ कर रहे हैं। उसे आदर्श बहू यानी आदर्श बेटी कहते हैं।

मिसेज रोका, यह तो बताओ, तुम्हारी बहू कैसी है। उसे भी घर आये दो साल हो गये हैं।

वह? वह तो एक दम निकम्मी है। न संस्कार है, न शिष्टता। बोलने की तमीज तो बिल्कुल नहीं है।

वाह! तुम्हारे इस प्रमाण-पत्र ने साबित कर दिया कि तुम्हें कुछ भी सिखाना नहीं आता।

लघुकथा शादी हिन्दी में : Short Story Shadi in Hindi

5. शादी (Wedding)

गली से गुजरने वाले कुत्ते ने एक बड़े से घर के बाहर बंधे कुत्ते को देखा और रुक गया। कुछ याद किया और फिर बोला- हैलो, मुझे पहचाना क्या? पिछले साल हम दोनों यहाँ से सात सड़क दूर गली के कुत्ते थे। मैं तो यहाँ भटक कर आ गया हूँ। तू यहाँ कब से बंधा है?

पहचान लिया। एक बार एक को लेकर हम भिड़े भी थे। तू जीत गया था और तेरी उससे शादी हो गई थी।

क्या अभी तक तेरी शादी नहीं हुई?

की नहीं मैंने। इस घर में मेरे साथ जो पति-पत्नी रहते हैं....

क्या वे तुझे खाना नहीं देते? तंग-परेशान करते हैं?

नहीं, पर वे दोनों आपस में लड़ते रहते हैं। सुनने-देखने वाले उनके लिये यही कहते हैं कि देखो कैसे कुत्तों की तरह लड़ रहे हैं।

सोचता हूँ, मेरी शादी हो गई और हम आपस में लड़े तो लोग कहेंगे- देखो, इंसानों की तरह लड़ रहे हैं। यह सुनकर मुझे तो बहुत शर्म आयेगी।


Short Story Formula in Hindi : छोटी सी लघुकथा फॉर्मूला

6. फार्मूला (Formula)

उसने एक नेताजी से पूछ लिया- बताइए, आपने पाँच साल में एक करोड़ को सौ करोड़ कैसे बनाया?

नेता जी भड़क गये- तुम्हें यह पूछने का अधिकार नहीं है। क्योंकि तुम जनता हो। तुम पूछो मत, हमें सुनो। कुछ कहना ही है तो पानी, बिजली, बेरोजगारी की शाश्वत समस्या कह दो और चलते बनो।

ठीक बात है। यह सवाल तो नेता जी से किसी नेताजी को करना था।

एक नेताजी ने दूसरे से पूछा था। उसे पब्लिक में तो कह दिया- यह राजनीति है तुम्हारी। अकेले में लेजाकर कहा- बड़े अहमक हो, जो ऐसे सवाल करते हो। एक गुणा सौ करने का मैंने किसी नये फार्मूले का आविष्कार नहीं किया। यह वैसे ही किया, जैसे अपने टाइम में तुमने दो करोड को दो सौ करोड़ किया था।


Hindi Short Story Sad : Dukhi Laghukatha

7. दुखी (Sad)

उसकी माँ का निधन हो गया था। मित्र के नाते उसे तसल्ली देने, हमदर्दी जताने मैं उसके पास कई बार गया। उसके दुख की सीमा नहीं थी। माँ की बात करते-करते वह रो पड़ता था। उसके इस दुख पर मेरी हैरानी भी कुछ कम नहीं थी। क्योंकि मैं जानता था कि उसकी माँ और उसकी पत्नी के बीच वर्षों से अबोला था। वह खुद भी माँ से प्रायः नाराज रहता था।

एक दिन मैंने पूछ ही लिया- अभी छह महीने पहले तुम्हारे पिता जी का देहांत हुआ था। तब तुम दुखी तो हुए थे, पर वह दुख अबके दुख से बहुत कम था। माँ के मरने से इतना दुखी क्यों हो?

बोला- तुम नहीं समझोगे मेरे दुख को। क्योंकि तुम्हारे पास एक अच्छी तनख्वाह वाली नौकरी है। मेरे पास तो कोई काम नहीं है। पहले पिता जी को मिलने वाली पेंशन से घर चलता था। उनके निधन के बाद वह पेंशन माँ के नाम से मिलने लगी। अब माँ नहीं रही। पेंशन राशि सदा के लिये बंद हो गई। यह बताकर वह फफकने लगा।

उसके प्रति मेरी हमदर्दी में वृद्धि हो गई।

Today's weather Short Story Hindi : आज का मौसम लघु कहानियां

8. आज का मौसम (Today's weather)

पीए साहब ने हाथ में मोबाइल लिये नेता साहब के कक्ष में प्रवेश किया-सर, चाँद साहब आपसे बात करना चाहते हैं...।

कौन है चाँद? चाँद खाँ है या चाँद राम?

सर, यह तो नहीं बता रहे।

तेरे पास तो नेट है, गूगल है.... करले सर्च। आजकल राजनीति चमकाने का मौसम चल रहा है। मुँह देखकर ही थप्पड़ मारा जाता है... मेरा मतलब है सामने वाले के पास मजहब है या धर्म है- यह जानकर ही बात की जाती है। यह भी बताना कि आज का मेरा दिन किसका है- मंदिर वाली टोपी का या मस्जिद वाली टोपी का..।


लघुकथा सुनवाई हिन्दी में : Short Stories

9. सुनवाई (Sunwai)

वह बड़ा परेशान नजर आ रहा था। मैंने परेशानी पूछ ली तो तमक कर बोला- बचपन से हिन्दी बोलता, पढ़ता-लिखता रहा हूँ। फिर भी हिंदी का एक शब्द समझ में नहीं आया और कितना वक्त खराब हुआ।

कौनसा शब्द ?

जी, कई दिनों से जाति प्रमाण पत्र लेने के लिये तहसील के चक्कर लगा रहा हूँ। नहीं बना तो सोचा विधायक जी को अपनी तकलीफ बताकर मदद लूँ। उन्होंने शहर में एक जगह लिख रखा था- विधायक जी का सुनवाई केंद्र। अपनी बात सुनाने के लिये मैं वहाँ पहुँच गया। कई घंटें की प्रतीक्षा के बाद विधायक जी पहुँचे। मेरी तरह अपनी तकलीफ सुनाने वाले वहाँ बहुत थे। सभी ने अपनी बात कहने की जल्दी मचा दी। विधायक जी ने किसी को सुना, किसी को नहीं सुना और कइयों को सुनकर अनसुना कर दिया। फिर वे अपना भाषण देने लगे। लगभग दो घंटे भाषण सुनाकर चलते बने। तब समझ में आया कि सुनवाई का मतलब जनता की सुनना नहीं, विधायक जी का भाषण सुनना है।

- गोविंद शर्मा

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