सर्वश्रेष्ठ लघुकथा कहानियाँ : गोविंद शर्मा की 10 लघुकथाएँ

Dr. Mulla Adam Ali
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Hindi 10 Inspirational and Motivational Short Stories : Govind Sharma Ki Laghukathayein

Inspirational and Motivational Short Stories

हिंदी की 10 श्रेष्ठ लघु कहानियाँ : खाली चम्मच लघु कथा संकलन से 121 लघुकथाओं की समीक्षा नहीं कर सकते हैं और न ही की जानी चाहिए। असली समीक्षक तो पाठक होते हैं, आज साहित्य जगत में कई लघुकथाकार है जो सक्रियता से लघुकथा सृजन कर रहे हैं। समय की गति ने कुछ को बड़ा लघुकथाकार बना दिया है तो कुछ सिर्फ लघुकथाकार है। गोविंद शर्मा की लघु कथाएं पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित हुए हैं, पाठक जिनको पसंद भी किया है। आज आपके सामने प्रस्तुत है उनकी दस श्रेष्ठ लघु-कहानियां 1. रिपोर्ट कार्ड 2. सास-बहू 3. फीस 4. तानाशाह 5. खाद 6. वायरस 7. दैत्य 8. इज्जत तो है 9. रहमदिल 10. समीक्षा आदि बाल साहित्यकार गोविंद शर्मा की लघुकथाएं पढ़े और साझा करें।


10+ Moral Hindi Short Stories

हिन्दी लघुकथा रिपोर्ट कार्ड : Report Card Hindi Short Story

1. रिपोर्ट कार्ड (Report card)

चुनाव मैदान में उतरे सत्ताविहीन पार्टी के नेता ने सत्ता के लिये सरकार के खिलाफ रिपोर्ट कार्ड पेश किया। इसमें सरकार को जीरो नम्बर दिये और पूर्ण रूप से असफल बताया। खूब तालियाँ मिलीं।

बाद में नेताजी ने अपने पीए से कहा- मैंने तो अभी दो घंटे पहले तुम्हें रिपोर्ट कार्ड बनाने के लिसे कहा था। तुमने इतना जल्दी कैसे बना दिया।

सर, मुझे कुछ ज्यादा नहीं करना पड़ा। आपको याद होगा, आप कभी सत्ता में थे और अब के सत्तासीन विपक्ष में। तब उन विपक्ष वालों ने आपके खिलाफ रिपोर्ट कार्ड पेश किया था। वह फाइल मेरे हाथ लग गई। मैंने इसमें एक उल्ट फेर किया। जहाँ उनका नाम था, वहाँ आपका लिख दिया और जहाँ आपकी सरकार का नाम था, वहाँ उनकी सरकार कर दिया। बन गया नया रिपोर्ट कार्ड...।

छोटी छोटी लघुकथा सास-बहू : Saas Bahu Hindi Laghu Kahani

2.  सास-बहू (Mother-in-law and daughter-in-law)

- सुनाओ बहन कैसी हो ? बहुत दिनों बाद मिली हो। अब तो घर में बहू आगई है। कई कामों से पीछा छूट गया होगा ?

-कहाँ, उसे झाडू लगाने की कहो तो जवाब देती है- मैं तो आप की विरोधी हूँ। इसे हाथ भी नहीं लगाती।

- दूसरे काम..?

- कोई काम कहो, देवताओं के वरदान की मुद्रा में जवाब देती है।

- मतलब ?

- मुझे कोई काम मत बताओ - कहकर कांग्रेस वाला हाथ का पंजा दिखा देती है।

-ओह, बड़ी मुसीबत है। किसी दिन कमल का फूल देकर देखो। - वह भी दिया था एक दिन। फूल लिया, मुस्कराई और मुझे ही आशीर्वाद दे दिया।

- क्या मतलब ?

- मतलब तो मैं भी नहीं समझी। बोली- अच्छे दिन भव।


Hindi Short Kahani Fees : लघुकथा फीस हिन्दी में छोटी सी कहानी

3. फीस (Fees)

कम आवाजाही वाली वह सड़क शाम को घूमार्थियों से भरी रहती है। उसमें किसम किसम के प्राणी होते हैं, पर होते सब मनुष्य ही। उनमें सेवानिवृत्त, सेवारत, बर्खास्त और सस्पेंड भी होते हैं। उस दिन एक सेवानिवृत्त से सस्पेंड हुए प्राणी ने हाथ जोड़कर नमस्ते की और कहा- सर, मैं निलम्बित हूँ। मुझे ज्ञात हुआ है कि सेवाकाल में एकबार आप भी निलम्बित हुए थे। सर, बताइए, निलंबन रद्द करवाने के लिये क्या करूँ?

तुम्हें पहले यह पूछना चाहिए था कि मैं निलम्बित क्यों हुआ। हुआ यह कि हमारे उस दफ्तर में तुम जैसा एक भोला प्राणी भी था, जो सस्पेंड हो गया। एक दिन मेरे पास इस सजा से बचने का रास्ता पूछने आया था। सलाह मांग रहा था। मैंने रिवाज के अनुसार सलाह की फीस मांग ली तो बोला- मैं और आप एक ही आसमान के परिन्दे हैं। फिर भी आप मेरे से फीस मांग रहे हैं? मैंने उसे समझाया भी कि तुमने कभी आसमान देखा नहीं हैं। मैं कई बार देख चुका हूँ। हवाई जहाज से और धरती से। वहाँ सब चिड़ियाँ नहीं होते, बाज होते हैं, गिद्ध होते हैं। पर वह भोला से बावला हो गया और मुझे रंगे हाथों पकड़वा दिया। संक्रमण इसे ही कहते हैं। पर अब यदि सलाह की फीस मांगू तो कौन है जो मुझे पकड़ेगा।

फीस मांगने का यह तरीका सस्पेंड प्राणी को पसंद आगया। दक्षिणा का इंतजाम करने की योजना बनाने लगा।


Short Story Dictator in Hindi : Tanshan Hindi Laghukatha

4. तानाशाह (Dictator)

उस देश में तानाशाही शासन था। दो जुड़वां भाई तोफा और सोफा थे। तानाशाह तो तानाशाह ही था, तोफा सोफा संत स्वभाव के थे। दोनों जनता में लोकप्रिय थे। तानाशाह के पास कई मंत्री, सचिव थे। एक दिन एक सचिव के कहने पर तानाशाह ने तोफा की मौत पर अफसोस जताया और श्रद्धांजलि अर्पित कर दी। यह जानकर एक दूसरा सचिव भागकर आया और बोला- सर, आपने गलती करदी। आपने तोफा को श्रद्धांजलि अर्पित करदी। वह तो जीवित है, मृत्यु सोफा की हुई है। आप अपना अफसोस और दी गई श्रद्धांजलि वापस लीजिए।

हम और गलती? लगता है तुमने बोलने की तमीज छोड़दी हैं। फिर दी गई छूट, सुविधा या दिये गये अधिकार वापस लिये जा सकते हैं, श्रद्धांजलि नहीं।

सर, अपने यहां तो नहीं, पड़ोसी देश में प्रेस, टी.वी. आजाद है। वे आपका मजाक उड़ायेंगे।

हम तो श्रद्धांजलि दे चुके, अब मजाक उड़ने के लिये अपने पंख न खोल पाये, यह जिम्मेदारी तुम्हारी है। वरना...।

थोड़ी देर बाद दो खबरें सामने आईं। एक उस सचिव की पदोन्नति की और दूसरी सोफा के साथ ही तोफा के अंतिम संस्कार की।

लघु-कथा खाद : Khad Hindi Story Short

5. खाद

कुछ लोगों को बेवजह बोलने, सवाल करने, जवाब मांगने की आदत होती है। उसे भी थी। एक जगह किसानों जैसे कुछ लोग बैठे थे। उसने भी अपना कृषि ज्ञान बघारना शुरू कर दिया। फिर सवाल किया- अधिक फसल लेने के लिये कौनसी खाद सबसे अच्छी होती है?

किसी ने यूरिया, किसी ने गोबर की खाद तो किसी ने केंचुआ खाद बताया। वहां एक फालतू भी बैठा था। वह चुप रहना नहीं जानता था। बोला- सबसे अच्छी खाद राजनीति होती है। सभी हैरान रह गये। पूछा गया कि यह कैसे?

उसी ने बताया- मेरे परिचित हैं। उनके पास एक सौ बीघे कृषि

भूमि है। एक पचास एकड का बाग भी है। पांच साल पहले चुनाव नामांकन भरते समय उन्होंने अपनी कुल संपत्ति पाँच करोड़ पच्चीस लाख रुपये बताई थी। वे जीत गये। पाँच साल राजनीति की। अब फिर चुनाव आया तो नामांकन के समय उन्होंने अपनी कुल संपत्ति पाँच अरब पच्चीस करोड़ बताई है। क्या गोबर, यूरिया आदि खाद से इतनी वृद्धि हो सकती है।

पहले वाला वक्ता यह कहते हुए खिसक लिया- कैसा आदमी है, जनसेवा को राजनीति कहता है।


Virus Short Story in Hindi : Virus Laghukatha

6. वायरस (Virus)

इंसान मर रहा है वायरस के कहर से। यह सब इंसान की तरफ आते हैं। मुर्गे, सुअर, चाागादड़ जैसे पशुपक्षियों से। शुक्र है मनुष्य से कोई वायरस जानवरों की तरफ जाकर उन्हें मरने को मजबूर नहीं करता।

क्या बात करते हो? इंसान के वायरसों के कारण तो रोज जानवर मर रहे हैं। कुछ प्रजातियां तो लुप्त हो गई हैं।

कौन से वायरस?

वही सभ्यता, आधुनिकता, विकास और आदमी की भूख।


Hindi Short Story Monster : Laghu Kahaniyan Monster

7. दैत्य (Monster)

पापा मैंने किताब में पढ़ा है कि पुराने जमाने में दैत्य होते थे। वो आदमियों से दुगने तिगुने बड़े होते थे। वे आदमियों को खा जाते थे। अब क्यों नहीं होते?

अब भी होते हैं।

मैं उन्हें देखना चाहता हूँ।

उन्हें देखने के लिये तुम्हें डाक्टर बनना होगा। माइक्रोस्कोप की जरूरत होगी। क्योंकि उनकी शक्ल, आकार, नाम सब बदल गया है। पर अब भी वे इंसानों को खा जाते हैं।

अच्छा? अब उन्हें क्या कहते हैं?

अब उन्हें वायरस कहते हैं। सारी मानवता उनसे पीड़ित है। कोरोना, निपाह, इबोला, एचआइवी आदि नामों के ये दैत्य अब भी इंसानों को खा रहे हैं।

इज्जत तो है लघुकथा : Respect Hindi Short Stories

8. इज्जत तो है

गाँव में सब धोलूराम को बधाई दे रहे थे। क्यों न दें, उसी ने गाँव में आकर बताया था कि उसके बेटे खेलूराम का प्रमोशन हो गया है। पहले लोग जानते थे कि वह तहसील में चपरासी है। पता नहीं अब क्या बन गया।

उससे नहीं रहा गया। वह भी पहुँच गया धेलूराम के पास। पूछा कितनी तनख्वाह बढ़ गई तुम्हारे बेटे की?

तनख्वाह तो उतनी ही है। पर अब इज्जत बढ़ गई है।

वह कैसे ?

पहले वह तहसील में पिओन था, अब क्लेक्टर साहब का पिओन जो बन गया....।


Hindi Kind-hearted Short Story : Rahamdil Hindi Kahani

9. रहमदिल (Kindhearted)

वे सड़क पर मिल गये। बड़े खुश थे। पूछा तो बोले- आओ, साथ- साथ चलते हैं, मुझे भी आपकी तरह बस स्टैंड ही जाना है। खुशी की बात यह है कि कई महीने की मगजमारी के बाद आज मेरी संस्था को दिव्यांगों के लिये वर्कशाप लगाने के लिये सरकार से अनुदान मिल ही गया। मुझे इन दिव्यांगों पर बड़ा रहम आता है। मैं कई-कई वर्कशाप आयोजित कर इन्हें आत्म-निर्भर बनाने का प्रशिक्षण दूँगा ताकि ये भी अपनी जिंदगी शान से बिता सकें।

फिर बोले, बस स्टैंड दूर है। वह साइकिल रिक्शा आ रहा है। इस पर बैठकर चलते हैं।

रिक्शा हमारे पास आकर रुका। मैं पहले ही उसमें बैठ गया। उन्हें भी बैठने के लिये कहा, वे बैठने लगे। फिर अचानक ठिठक कर रुक गये। मुझे भी नीचे उतरने के लिये कहा। रिक्शावाले से कहा कि हमें एक जरूरी काम याद आ गया है। हम अभी नहीं जायेंगे, तुम जाओ।

मैं हैरान खड़ा था कि वे बोले- देखा नहीं तुमने उस रिक्शा वाला का एक हाथ ही नहीं है। वह एक हाथ से रिक्शा का हैंडल संभालता है और पैडल मारता है। कहीं एक्सीडेंट कर बैठा तो? ऐसे लोगों से दूर ही रहना चाहिए।

हैरान तो मैं अब भी था, उनकी रहम दिली पर....।


Short Story Review in Hindi : Samiksha Laghu Kahani

10. समीक्षा (Review)

अपनी छोटी बहन की शादी का काम निपटा कर रिद्धिमा ससुराल वापस आई तो सास ने पूछा- कैसी रही तुम्हारी बहन की शादी? उसे ससुराल कैसी लगी?

मम्मी जी, शादी अच्छी तरह से हो गई। उसे ससुराल भी बहुत अच्छी मिली है।

उसमें अच्छे वाला क्या है? मैंने तो सुना है उसके ससुर को अपने व्यापार में बहुत घाटा हुआ है। इसके कारण घर चलाने के लिये तुम्हारी बहन के पति को साधारण सी नौकरी करनी पड़ रही है। वे तुम्हारे पिता द्वारा दिये गये दहेज से भी संतुष्ट नहीं है। उसे वहाँ अच्छा क्या मिला?

मम्मी जी, उसकी ससुराल में उसकी सास नहीं है।

इस जवाब ने सास को भीतर तक हिला दिया। जल्दी ही बहू पर भड़क जाने वाली वह सास आज भड़की नहीं। मन ही मन अपने स्वभाव की समीक्षा करने लगी।

- गोविंद शर्मा

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