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Ritu Verma Poetry
कविता असमंजसता : रितु वर्मा की कविता असमंजसता (confusion) आज आपके लिए प्रस्तुत है कविता कोश में, पढ़िए और शेयर कीजिए ये सुंदर कविता असमंजस के विषय पर लिखी बेहतरीन हिंदी कविता।
Ritu Verma Ki Kavitayein
असमंजसता
जीवन के राह में हर एक सफर
तन्हाई का है,
मिले पथ पर अगर कोई पथिक तो
उसे खुद का साथी न समझना
ये एक भ्रम सा है,
पाना है अगर मंजिल तो मोह डगर के इस भ्रम से मौन मन से निकलना होगा,
सामने आए अगर कोई मायाजाल तो
उस मायाजाल को भी भेदना होगा,
कामयाबी की राह दूर है या पास
ये कर्मों से ही तय करना होगा,
चलना-उठाना और गिरना-सम्भलना
सब में हिम्मत कर डर को परास्त करना होगा,
पाकर जो खोया है या खोकर जो पाया है
उसमे संतोष करना होगा,
जीवन के नित कर्मों से क्षणिक पलों को निरंतर ही गतिशील करना होगा ,
मन में उठ रहे कोलाहल हो या फिर
शांत लहरों का सैलाब हो....
अपने मन के इस तूफ़ानों के कहर को खुद ही शांत करना होगा।
- रितु वर्मा
नई दिल्ली
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