Usha Mein Dinkar Fir Aaya Hindi Poetry by Abhay Pandey, Hindi Kavita Chandni Chamak Rahi, Best Poems in Hindi.
Abhay Pandey Poetry
हिन्दी पोएम उषा में दिनकर फिर आया : अभय पांडेय की कविता आज आपके लिए प्रस्तुत है हिन्दी कविता कोश (kavita kosh) में उषा में दिनकर फिर आया, पढ़िए ये सुंदर कविता और शेयर कीजिए।
Hindi Kavita Usha Mein Dinkar
उषा में दिनकर फिर आया
चांदनी चमक रही चहुंओर
चपला कर गयी गर्जन शोर।
वृष्टि की जलप्रद आस मेरी
बीती विभावरी हो गयी भोर।।
उषा मे दिनकर फिर आया
चहक उठा द्युति उजियारा।
स्वाति बूंद की कर प्रत्याशा
चातक की फिर बढ़ी पिपासा।।
संध्या मधु आहट लेकर आई
उम्मीदों की कलित बयार।
शीतलता का हुआ आगमन
पर तारों ने फिर जोड़ी रार।।
रजनी भी गई देकर आस
भिनसार में रवि से तकरार।
टूट रही अब आशा मेह की
कैसे होगी रिमझिम बौछार।।
कौतूहलवस, बस देख रहा
कब तारे द्रुत ओझल होंगे।
कब पक्षाभ कपासी बनेगा
कब क्रंदन यह मेघ करेगा।
- अभय पाण्डेय
कानपुर
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