तीन बालगीतों में जीवन के रंग: डॉ. राकेश चक्र की रचनाएँ

Dr. Mulla Adam Ali
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Hindi Poetry Collection Book Desh Bane Sone Ki Chidiya by Dr. Rakesh Chakra, Hindi Children's Poems, Hindi Kids Poems.

Desh Bane Sone Ki Chidiya

three kids poems by rakesh chakra

देश बने सोने की चिड़िया से डॉ. राकेश चक्र की कविताओं का यह संग्रह बच्चों के लिए प्रेरणा और सकारात्मकता से भरपूर है। तीनों कविताएं — खुशियाँ ही खुशियाँ दे होली, सदा शिखर पर चढ़ते हैं, और नए वर्ष में — जीवन को प्रेम, सद्भाव, मेहनत और एकता के रंगों से रंगने का संदेश देती हैं। ये कविताएं बच्चों को सच्चाई, निस्वार्थता और देशभक्ति की सीख सरल और मधुर भाषा में देती हैं, साथ ही उत्साह और उमंग से भरपूर जीवन जीने की प्रेरणा प्रदान करती हैं। इस प्रकार, डॉ. राकेश चक्र की ये कविताएं बाल मन को नैतिक और सांस्कृतिक मूल्यों से समृद्ध करते हुए खुशियों और अच्छे संस्कारों से परिपूर्ण जीवन की ओर अग्रसर करती हैं।

डॉ. राकेश चक्र की तीन बाल कविताएँ

खुशियों से भरी होली: बालगीत

खुशियों से भरी होली बालगीत

"खुशियाँ ही खुशियाँ दे होली" कविता रंगों के पर्व होली की उल्लासभरी झलक प्रस्तुत करती है। यह बालमन को प्रेम, सद्भाव और सच्चाई की राह दिखाते हुए बताती है कि जीवन को रंगों की तरह खुशियों से भरना चाहिए।

1. खुशियाँ ही खुशियाँ दे होली


खुशियाँ ही खुशियाँ दे होली,

सरसे-बरसे मीठी बोली।


उड़ें अबीर-गुलाल रंग सब,

भर जाए खुशियों से झोली।


रहे नशे से दूर मनुज जो,

घर में खुशियाँ सजे रंगोली।


होली में जब जली होलिका,

करें भक्त प्रहलाद ठिठोली।


सबके उर में वह ही बैठा,

परखो-परखो 'राम', रमोली।


नफरत-द्वेष-कपट मर जाए,

मुख से चूसो मीठी गोली।


सच की जीत सदा ही होती,

ये ही बात मनों में हो-ली।


जीवन है रंगों की होली, 

करें प्यार से सभी ठिठोली।


सपनों की ऊँचाइयाँ: प्रेरणादायक बाल कविता

सदा शिखर पर चढ़ते हैं हिन्दी बालगीत

"सदा शिखर पर चढ़ते हैं" प्रेरणा से भरपूर एक गीत है, जो बच्चों को कर्मशीलता, मुस्कान, आत्मविश्वास और परोपकार की राह पर चलने के लिए प्रोत्साहित करता है। यह कविता जीवन के शिखर तक पहुँचने के लिए मेहनत, सच्चाई और निस्वार्थता का महत्व सिखाती है।

2. सदा शिखर पर चढ़ते हैं


सोच समझ कर काम करें जो

आगे-आगे बढ़ते हैं।

संकल्पों के बीज उगाकर,

सदा शिखर पर चढ़ते हैं।।


चेहरे की मुस्कान सदा ही

आशाएँ भर देती है

नई उमंगें-नई तरंगें

बाधाएँ हर लेती हैं

सपने देखें बड़े-बड़े जो

ना मेहनत से डरते हैं

वे ही मानव लक्ष्य-भेदकर

सदा शिखर पर चढ़ते हैं।।


बाँटें सबको खुशियाँ खुशियाँ

बाँटें शुचि मन के उद्‌गार

उपकारी का बढ़ जाता है

तन-मन का अनुपम श्रृंगार

अपने को जो समझ गए हैं

लालच-लोभ न करते हैं

वे ही सदा निरोगी रहकर

गीत प्रेम के लिखते हैं।।


नए वर्ष के संकल्प: बच्चों के लिए सकारात्मक गीत

बाल कविता नए वर्ष के संकल्प

"नए वर्ष में" कविता नववर्ष के स्वागत को प्रेम, सौहार्द और आत्मविकास के संकल्पों से जोड़ती है। यह गीत बच्चों को आत्ममंथन, एकता, देशप्रेम और आध्यात्मिक चेतना की ओर प्रेरित करता है।

3. नए वर्ष में


उमंग हैं, तरंग हैं

आज नए वर्ष में।

नए-नए रंग हैं

नए-नए वर्ष में ।।


पुष्प हर्ष के खिले

छोड़ें शिकवे-गिले

दूर हों बुराईयाँ

नए-नए वर्ष में।।


जीत है, ना हार है

जिन्दगी उपहार है

देश प्रेम सब करें

नए-नए वर्ष में ।।


राम में रहीम है

खोजिए असीम है

जागिए - जागिए

नए-नए वर्ष में।।


प्रेम हर्ष बाँटिए

वैर-भाव छाँटिये

साथ एक्य का रहे

नए-नए वर्ष में।।


रोग योग से मिटें

नाम ईश का रटें

प्यार उपहार हो

नए-नए वर्ष में ।।


मन हँसे तो, तन हँसे

लोभ में न यह फँसे

पीर सबकी बाँट लें

नए-नए वर्ष में ।।


आप हैं, तो मैं नहीं

मैं नहीं तो आप हैं

'मैं'! को मिटाइए

नए-नए वर्ष में ।।


गीत गुनगुनाइए, आप मुस्कराइए

शान, सम्मान हो, नए-नए वर्ष में ।।


ये भी पढ़ें; बालमन को छूने वाली 6 कविताएँ – डॉ. राकेश चक्र की कलम से

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