चिड़िया गाती: एक मनमोहक कविता चतुर चिड़िया की दुनिया पर

Dr. Mulla Adam Ali
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Chidiya Poem in Hindi

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इस सुंदर कविता में चिड़िया की चतुराई, स्वतंत्रता और सामाजिकता का भावपूर्ण चित्रण है। डॉ. मीरा सिंह 'मीरा' की रचना बच्चों और बड़ों सभी को भाएगी।

डॉ. मीरा सिंह 'मीरा' की कविता

चिड़िया गाती


चिड़िया करती नहीं पढ़ाई

पर देखो इसकी चतुराई।

मिलते जहां अन्न के दाने

सुंदर सा वह नीड़ बनाई।।


उड़ -उड़ कर दाने चुग जाती 

साथ सहेली लेकर आती।

चोंच दबाएं दाने रखती

आपस में मिल दाने खाती।।


सरहद पार कभी उड़ जाती

सखी सहेली से मिल आती।

करती जी भर सैर सपाटा 

जब चाहे घर वापस आती।।


चिड़िया करती जहां बसेरा 

चूँ -चूँ करती गीत सुनाती।

आपस में मिल रहे सभी जन

मौन इशारे में समझाती।।


- डॉ मीरा सिंह "मीरा"

डुमराँव, जिला -बक्सर, बिहार

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