मैं प्रकाश का पुंज - सूर्य देवता पर प्रेरणादायक बाल कविता

Dr. Mulla Adam Ali
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Hindi Poetry Collection Book Desh Bane Sone Ki Chidiya by Dr. Rakesh Chakra, Children's Poem on Sun, Kids Poems.

Poem on Surya Bhagwan

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देश बने सोने की चिड़िया बालगीत-संग्रह से सूर्य देवता पर आधारित यह प्रेरणादायक बाल कविता 'मैं प्रकाश का पुंज' बच्चों को प्रकृति, विज्ञान और संस्कारों से जोड़ती है। पढ़िए डॉ. राकेश चक्र द्वारा रचित सुंदर बालगीत।

सूर्य भगवान पर आधारित प्रेरक बाल कविता

मैं प्रकाश का पुंज

मैं प्रकाश का पुंज, सदा से जीवन बाँट रहा हूँ।

मैं बनकर आदित्य, अंधेरा जग का छाँट रहा हूँ।


जल-थल-नभ से बहुत बड़ा हूँ, साध रहा विशाल नक्षत्र।

पौधे मुझसे पाते रहते, उपवन-उपवन नए प्रपत्र ।


मेरा भी परिवार अनोखा - शुक्र, बुद्ध, भू, शनि, अरुण।

चार और हैं मेरे साथी -यम, मंगल, गुरु 'औ' वरुण।


मेरे नाम अनेक बालको! भानू, सूर्य, दिवाकर।

मैं सविता, मार्तण्ड, भास्कर, मुझसे कहें प्रभाकर।


मेरी उष्मा से ही सागर, भाप बना बादल लाता।

गरज-गरज कर वर्षा करता, सब जग को वह नहलाता ।


मैं ही इन्द्रधनुष बन जाता, अरु बनता जल चक्र।

मुझ जैसा उपकारी बन कर, तुम भी करना फक्र ।


प्रातः जगकर जो भी बच्चे मुझसे बातें करते हैं।

तन-मन अपना खुशियों से भर, जीवन पथ पर बढ़ते हैं।


- डॉ. राकेश चक्र

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