गीत : समझा पाया कौन अभी तक

Dr. Mulla Adam Ali
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Geet Kavita In Hindi

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हिंदी गीत : पढ़िए कविता कोश में गीत समझा पाया कौन अभी तक, इस दुनिया में कई संत, फकीर आए और गए लेकिन अबतक उन्हें कोई समझ नहीं पाया, कहने का अर्थ है कि इंसान अपने स्वार्थ गुण से बाहर नहीं आ रहा है कितने लोगों द्वारा समझाया जाने पर भी।

Hindi Geet Poems

समझा पाया कौन अभी तक


समझा पाया कौन अभी तक, लिख-लिख गीत नए

कितनी सदियां, साल महीने, दिन-पल बीत गए

दीपक अपने सूने घर में

जला नहीं पाए

सुबह शाम की चकाकौंध से

चक्कर बस खाए

कहते संत, फकीर आ रहे, हम विपरीत गए

समझा पाया कौन अभी तक, लिख-लिख गीत नए

आयीं रितुएं और बहारें

चली गयीं सारी

जीवन की बिन परिभाषा के

सब बातें खारी

परचा और परीक्षा देके कितने मीत गए

समझा पाया कौन अभी तक, लिख-लिख गीत नए

सिर पर पोथी लिये घूमते

झूम-झूम चलते

जैसे-जैसे सूरज उगता

नित वैसे ढलते

लुटा दिया अनमोल खजाना, बिलकुल रीत गए

समझा पाया कौन अभी तक, लिख-लिख गीत नए

बैठी सांझ अनमनी होकर

तारे गिनती है

भूल गयी सब कुछ ही अपना

करती विनती है

जीत 'अचूक' उसी की होती, खुद को जीत गए

समझा पाया कौन आज तक, लिख-लिख गीत नए।


- डॉ. कृपाशंकर शर्मा 'अचूक'

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