मैं : हिंदी कविता - Main Hindi Poem

Dr. Mulla Adam Ali
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I : Poem on Myself in Hindi

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जीवन पर कविताएं : पढ़िए कविता कोश में सर्वश्रेष्ठ जीवन पर लिखी कविता मैं, खुद पर विशेष कविता, इंसान और ईमान पर आधारित सुंदर कविता, अहंकार और मानवता पर बेहतरीन कविता, माया, ज्ञान, मोह, स्वार्थ और त्याग पर कविता (poem on human life) मैं पढ़े और शेयर करें।

Mai Kavita In Hindi

“मैं”

"मैं" मैं कहता इन्सान ।

"मैं” में खो गया ईमान ।

"मैं” में ही है अहंकार

मैं ही है मानवता पर प्रहार ।।

"मैं" के मयखाने में,

बरबादी के प्याले में,

छलकती पुरुषार्थों की मदिरा।

मदिरा-नशा बनादे जीवन अधूरा।

"मैं” ही है विकारों का आधार ।

"मैं" ही है विनाश की छाया।

"मैं" माया का जाल है।

"मैं” ज्ञान पर पड़ा अकाल है।

"मैं" का मोह जीवन का अंधकार है।

“मैं” का स्वार्थ, पतन का भागीदार है।

"मैं” मेरा कुछ नहीं तेरा।

"मैं" को त्यागकर देखे जग सारा।

क्या किया तुमने अपना उद्धार।

क्या दिया तुमने संसार को उपहार।

"मैं" मूर्खता है।

"हम” जीवन की पूर्णता है।

"मैं” के अंश से "पूर्ण" बनने का करो प्रयास।

"मैं” के महफिल में "हम” से ही है बढ़ता विश्वास ।


- के. माधवी

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