"Prabhu Ka Sumiran Kiya Karo" (Remember the Divine) is an inspiring Hindi poem by Dr. Rakesh Chakr. It encourages young minds to lead a value-based, compassionate, and spiritually mindful life. The poem beautifully blends devotion, nature, and moral principles in simple language.
Prabhu Ka Sumiran Kiya Karo : Kavita In Hindi
"प्रभु का सुमिरन किया करो" डॉ. राकेश चक्र द्वारा रचित एक प्रेरणादायक किशोर कविता है, जो युवाओं को जीवन के सच्चे मूल्यों की ओर प्रेरित करती है। कविता में प्रभु-भक्ति, प्रेम, प्रकृति के प्रति सम्मान और सेवा की भावना का सुंदर चित्रण है। यह कविता किशोरों को एक सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाने का संदेश देती है, जिसमें ईश्वर-स्मरण, सहानुभूति और अनुशासित जीवनशैली शामिल है।
प्रेरणादायक किशोर कविता
प्रभु का सुमिरन किया करो
प्रभु का सुमिरन किया करो
हँसकर हर पल जिया करो।
जीवन है अनमोल खजाना
सबको कुछ-कुछ दिया करो।।
है जग में उसका उजियारा
वह ही सबका पालनहारा
निर्बल का है वही सहारा
हम सबका वह तारनहारा
डोर समय की छूट न जाए
प्रेम का रस भी पिया करो।।
वही साँस में, वही फूल में
वह पौधों के रहे मूल में
वह झरना है, वही कूल में
वह खेतों की गूल-गूल में
प्रातः जगकर प्यारे बन्दे
नाम उसी का लिया करो।।
अपनी दिनचर्या को आओ
निश्छल, सरल बना लें हम सब
थोड़ा समय पास है अपने
जीवन को महका लें हम सब
पेड़ जिस तरह उपकारी हैं
भला उस तरह किया करो ।।
- डॉ. राकेश चक्र
डॉ. राकेश चक्र की यह कविता आज के युवाओं के लिए एक महत्वपूर्ण संदेश है — सच्चे जीवन मूल्यों को अपनाना, समय का सदुपयोग करना और प्रभु-स्मरण को दैनिक जीवन का अंग बनाना। यह काव्य सादगी में गहराई लिए हुए है, जो पाठकों के अंतर्मन को छूता है और उन्हें एक शांत, सकारात्मक और उपयोगी जीवन जीने की प्रेरणा देता है।
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