🤱 यादों का आंगन 🤱
चंदा जैसी बिंदिया तेरी
चमके है मेरे मन में।
हमेशा रहती है तू, मेरे
यादों के आंगन में।
उडता गिरता आंचल तेरा
मैं, थामकर चलती थी।
दिखाकर तारें आसमान में
तू मुझसे बातें करती थी।
ढूंढ रही हूँ प्यारा बचपन
तब सुंदर था दिल का कोना।
वापस कर दो बचपन मेरा
माँ, करो कोई जादू - टोना।
बच्ची मैं बन जाऊं फिर से
और तुम मुझकों डांट लगाओ।
मैं फिर रोऊँ चिल्लाऊ और
तुम मुझकों गले लगाओ।
सुख ही सुख पाया मैने
मां तेरे आंचल मे।
हमेशा रहती है तू मेरे
यादों के आंगन में।
कैथल, हरियाणा
nidhisinghiitr@gmail.com
आप सभी को मातृ दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं
🙏 Happy Mother's Day 🙏
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