मातृ दिवस 2025 पर विशेष
माँ पर सर्वश्रेष्ठ कविता
🤱 यादों का आंगन 🤱
चंदा जैसी बिंदिया तेरी
चमके है मेरे मन में।
हमेशा रहती है तू, मेरे
यादों के आंगन में।
उडता गिरता आंचल तेरा
मैं, थामकर चलती थी।
दिखाकर तारें आसमान में
तू मुझसे बातें करती थी।
ढूंढ रही हूँ प्यारा बचपन
तब सुंदर था दिल का कोना।
वापस कर दो बचपन मेरा
माँ, करो कोई जादू - टोना।
बच्ची मैं बन जाऊं फिर से
और तुम मुझकों डांट लगाओ।
मैं फिर रोऊँ चिल्लाऊ और
तुम मुझकों गले लगाओ।
सुख ही सुख पाया मैने
मां तेरे आंचल मे।
हमेशा रहती है तू मेरे
यादों के आंगन में।
निधि "मानसिंह"
कैथल, हरियाणा
आप सभी को मातृ दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं
🙏 Happy Mother's Day 🙏
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