Sabko Mitti Mein Milna Hai
Hameed Kanpuri Poetry
सब को मिट्टी में मिलना है
जो इंसान हुआ है पैदा,
उस को मिट्टी में मिलना है।
नीचा ऊँचा मुफ़लिस राजा,
सब को मिट्टी में मिलना है।
डीयम सीयम मंत्री पीयम
हर को मिट्टी में मिलना है।
काहे फिरता सीना ताने,
जब सब मिट्टी में मिलना है।
बात हमीद ये जाने जनजन,
सब को मिट्टी में मिलना है।
हमीद कानपुरी,
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