हिंदी बाल कविता : करो नहीं लड़ाई

Dr. Mulla Adam Ali
0

Hindi Bal Kavita : Mohd. Zamil Sarosh Ki Kavitayen

Hindi Bal Kavitayen Karo Nahi Ladai

बाल कविता : करो नहीं लड़ाई

करो नहीं आपस में लड़ाई

सबसे गंदी चीज़ है भाई 

मानुष्य से ऊपर कुछ भी नहीं

दादाजी ने बात बताई। 


जिसने भी इस मार्ग को पकड़ा

हुआ कभी न उसका भला

खुद के पाँव पे कुल्हाड़ी मारी

और अंत में वो हाथ मला। 

हर क्षण जिसने अच्छा सोचा

क़दम तले ख़ुद दुनिया आई। 

करो नहीं आपस में लड़ाई

सबसे गंदी चीज़ है भाई। 


प्रेम सौहार्द्र से रहना बच्चों

यही तो है एक उत्तम ज्ञान

श्रमपथ पे बढ़ते रहना

और जीतना सारा जहान। 

सदा बड़ों को आदर देना

फिर करना तुम ख़ूब पढ़ाई। 

करो नहीं आपस में लड़ाई

सबसे गंदी चीज़ है भाई। 

- मो. ज़मील

अंधराठाढ़ी, मधुबनी (बिहार) 
मौलिक, स्वरचित बाल कविता

ये भी पढ़ें; Hindi Childrens Poem Suraj Dada : सूरज दादा

Hindi Bal Kavitayen, Children's Poems, Children's Poetry, Kavita Kosh, Hindi Kavita, Mohd. Zamil Sarosh Poetry in Hindi, Bachhon Ke Liye Kavita..

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें (0)

#buttons=(Accept !) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Learn More
Accept !
To Top