तीन बाल कविताएँ : मेरा कंप्यूटर | इंटरनेट है कौन बला | वीडियो कॉल | Bal Kavita In Hindi

Dr. Mulla Adam Ali
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Bal Kavita in Hindi : Kids Poems in Hindi

Bal Kavita in Hindi

तीन बाल कविताएँ हिन्दी में : बच्चों के लिए डॉ. फहीम अहमद की तीन कविताएं तकनीकी से जुड़े महत्वपूर्ण बाल कविताएँ 1. मेरा कंप्यूटर कविता 2. इंटरनेट है कौन बला? कविता 3. वीडियो कॉल कविता, बच्चों के लिए रोचक, ज्ञानवर्धक और शिक्षाप्रद हिन्दी बाल कविताएं। Dr. Faheem Ahmad Poetry for Childrens in Hindi, Poem My Computer, Children's Poem Video Call, Kids Poem Internet in Hindi, Hindi Bal Kavitayen..

Poem on Computer : कम्प्यूटर पर बाल कविता - Mera Computer Bal Kavita

1. मेरा कम्प्यूटर


नया नवेला है अलबेला

मेरा कम्प्यूटर।


जब सवाल का हल न आए

तब मेरा दिमाग चकराए।

मेरे हर सुख-दुःख का साथी

कम्प्यूटर तब पास बुलाए।

पलक झपकते ही प्रश्नों के दे देता उत्तर।


चित्र गहूँ रेखाओं वाले

रंग भरूँ फिर नए निराले।

इनसे जब मेरा जी ऊबे

गेम खेलता हूँ मतवाले।

कार्टून फिल्में जब देखूं हँसता हूँ जी भर


जब मैं इंटरनेट चलाऊँ

तो कम्प्यूटर से बतियाऊँ

नया नया फिर ज्ञान सहेजूँ

दुनिया भर की खबरें पाऊँ।

फिर तो मन में नई सोच के उग आते हैं पर।


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2. इंटरनेट है कौन बला?


मम्मी, ज़रा मुझे समझाओ

इंटरनेट है कौन बला?


मम्मी बोलीं दुनिया भर के

कम्प्यूटर सब साथ मिल।

जाल बनाकर इंटरनेट का

दूर भगाते हैं मुश्किल।


फैल गई है दुनिया भर में

कम्प्यूटर की यही कला।


वेबसाइटों के बक्से में

भरा खजाना ज्ञान का।

भाषा, फिल्म, मनोरंजन व

कला, खेल, विज्ञान का।


है तकनीक बड़ी उपयोगी

आज इसी का दौर चला।


मैगज़ीन, अखबार पढ़ो या

घर बैठे सामान लो।

पढ़ने में हो जो कठिनाई

फौरन इससे जान ली।


अपनी सेवाओं से सबका

इंटरनेट कर रहा भला।


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3. वीडियो कॉल


मामाजी, हम सारे खुश हैं,

देख आपकी वीडियो कॉल।


जब से आप गए अमरीका,

हम सब करते रहते याद।

जो भी खेले साथ आपके,

खेल सभी आते हैं याद।


मामा, आना तो खेलेंगे,

देखो, ली है यह फुटबॉल।


पिछली बार आप जो लाए

थे दहाड़ने वाला शेर।

देखो, तोड़ दिए बब्बन ने,

उसके दोनों पिछले पैर ।


पिंकी बोल रही है मामा,

लाना हँसने वाली डॉल।


देखो मामा उगे पेड़ पर,

कितने मजेदार अमरूद।

एक कुतरकर भागा तोता,

अभी यहाँ जो था मौजूद।


अपनी छत पर खड़ा पतंगें,

उड़ा रहा देखी, गोपाल।


- डॉ. फहीम अहमद

असिस्टेंट प्रोफेसर हिन्दी, एमजीएम कॉलेज,

संभल, उत्तर प्रदेश

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