Children's Poem on Village in Hindi : Gaon Par Bal Kavita
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गठरी में गाँव
मौसी आई शहर हमारे
भर लाई गठरी में गाँव।
बाँट रहीं प्यारी सौगातें
खोल निराली गठरी से।
पास बुलाते तिल के लड्डू
खुशबू आती मठरी से।
मौसी देतीं हमे प्रेम से
खाते हैं हम लेकर चाव।
मूँगफली की खस्ता पपड़ी
संग मलाई मट्ठा जी।
मौसी जी ने इतनी चीजें
कर दीं यहाँ इकट्ठा जी।
मनमोहक चीजें है सारी
पहले किसका करें चुनाव।
सत्तू और अमावट के संग
पुड़िया गुड़ की पट्टी की।
शकरकंद में लिपटी आई
खुशबू प्यारी मिट्टी की।
दातुन की छोटी डंडी में
भरी नीम की ठंडी छाँव।
- फहीम अहमद
असिस्टेंट प्रोफेसर हिन्दी, एमजीएम कॉलेज,
संभल, उत्तर प्रदेश
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