हिन्दी की बाल कविताएँ : मैं हूँ आलू - Hindi Poem On Potato

Dr. Mulla Adam Ali
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Hindi Poem On Potato : Sabjiyon Ka Raja Aloo Par Kavita

Hindi Poem On Potato

बाल कविता  मैं आलू हूँ : सब्जियों का राजा आलू पर कविता बच्चों के लिए हिंदी में। भारत में सबसे ज्यादा इस्तेमाल करने वाले सब्जियों में आलू प्रमुख हैं। आज हम सब्जियों का राजा आलू पर बच्चों के लिए मजेदार बाल कविता लेकर आए हैं मैं हूं आलू। फहीम अहमद की बाल कविता मैं हूं आलू। Poem on Vegetable King Potato Poetry, Poem I'm Potato in Hindi, Main Hun Aloo Kavita Hindi, Dr. Faheem Ahmad Children's Poem on Potato, Poetry for Kids...

सब्जियों का राजा आलू पर कविता : Poem on Potato - मैं हूं आलू बाल कविता - Bal Kavita Aloo

मैं हूं आलू


मैं हूं आलू सबका प्यारा,

मेरा स्वाद बड़ा ही न्यारा।

हर मौसम में पाया जाता,

हर घर में हूं खाया जाता।

कहीं समोसे में घुस जाऊं,

टिक्की बनकर कहीं लुभाऊं।

पापड़ बनकर मैं ललचाऊं,

चिप्स बनूं तो सबको भाऊं।

दम आलू का मजा उठाओ,

आलू भरे परांठे खाओ।

हर सब्जी से घुल-मिल जाऊं,

मैं तो सबका साथ निभाऊं।

कम कीमत में मिल जाता हूं,

काम बहुत सबके आता हूं।

अगर कभी कोई जल जाए,

मुझको कच्चा पीस लगाए।

मैं हूं बलदायक, गुणकारी,

करते पसंद मुझे नर, नारी।

मैं तो हूं सब्जी का राजा,

आजा, आजा, मुझको खा जा।


- डॉ. फहीम अहमद

असिस्टेंट प्रोफेसर हिन्दी, एमजीएम कॉलेज,

संभल, उत्तर प्रदेश

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