मेला पर बाल कविता : आओ देखें मेला - मेला के विषय पर बेहतरीन कविता

Dr. Mulla Adam Ali
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Poem On Mela In Hindi : आओ देखें मेला बाल कविता

Poem On Mela In Hindi

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बाल कविता आओ देखें मेला : Poem on Mela in Hindi

आओ देखें मेला


भीड़ भड़क्का,

लगता धक्का,

फैला खूब झमेला।


रंग रंगीला,

खूब सजीला,

आओ देखें मेला।


हँसता गाता,

धूम मचाता,

है लोगों का रेला।


साथी संगी,

लो नारंगी,

या फिर खाओ केला।


ढेर खिलौने,

ले लो बौने,

यदि हो पैसा धेला।


खस्ता, टिक्की,

गुड़ की चिक्की,

बिकते भर भर ठेला।


पैसा फेंको,

जादू देखो,

या सर्कस अलबेला।


मेलजोल का,

भले बोलका,

महके चम्पा बेला।


- डॉ. फहीम अहमद

असिस्टेंट प्रोफेसर हिन्दी, एमजीएम कॉलेज,

संभल, उत्तर प्रदेश

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