जंगल के विषय पर बेहतरीन कविता : Poem on Jungle in Hindi

Dr. Mulla Adam Ali
0

Poem on Jungle in Hindi : Kavita Jungle by Stuti Rai 

poem on forest in Hindi

Jungle Kavita in Hindi : जंगल के विषय पर स्तुति राय की बेहतरीन कविता, Poem on Forest in Hindi. स्तुति राय की हिन्दी जंगल कविता, पढ़े और शेयर करें। Jungle Par Kavita Hindi...

जंगल

ये जंगल मुझे

उलझे हुए लगते हैं

जैसे मेरे मन के अंतर्द्वंद्व

ये बिखरे हुए पत्ते

मेरी बिखरी हुई भावनाओं से

लगते हैं,

पेड़ों से झनकर आतीं

धुप की किरणें

सूखे पत्ते पर 

यूं पड़ती है

जैसे कभी कभी

उमड़ पड़ता हो तुम्हारा

प्रेम,

और मैं फिर से

एक उम्मीद में

जीं लेती हूं

एक युग

लेकिन फिर धीरे धीरे

बढ़ता अंधेरा

मुझे डूबों देता है

मेरे मन के

अंतर्द्वंद्वों में 

 और फिर मैं

देखने लगती हूं

पेड़ पर लगें मधुमक्खी के

छत्ते को,

और इंतजार करतीं हूं

कि , कब हर एक मधुमक्खी

मेरे शरीर पर डंक मारेगी

मुझे मेरे गुनाहों की 

सजा़ देगी,

जंगल मुझे

उलझे हुए लगते हैं।

- स्तुति राय

शोध छात्रा,
महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ
वाराणसी

ये भी पढ़ें; काव्य कृति चंचल चुनमुन से बच्चों के लिए रचना : मेला - नंदनवन

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें (0)

#buttons=(Accept !) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Learn More
Accept !
To Top