Poem On Mela In Hindi : रंगों का मेला | मेला पर बाल कविता

Dr. Mulla Adam Ali
0

Poem On Mela In Hindi : Rangon Ka Mela

Rangon Ka Mela Poem On Mela In Hindi

मेला पर बाल कविता : बच्चों के लिए बाल कविता "रंगों का मेला", डॉ. फहीम अहमद की बाल कविता हिंदी में। Rangon Ka Mela Bal Kavita by Dr. Faheem Ahmad

रंगों का मेला

सजा हर तरफ मस्त

रंगों का मेला।

हरे लाल पीले

गुलाबी सजीले

खिले खूब चेहरे

सुनहरे रंगीले

लगा है दिलों में

उमंगों का मेला।

बजे ढोल ताशे

हुए हैं तमाशे।

बजे जब नगाड़े

तो फूटे बताशे।

मंजीरों के संग है

मृदंगों का मेला।

है गुझिया मिसाली

बड़े स्वाद वाली।

नए रंग भरती

इमरती निराली।

रंगीली फुहारों

तरंगों का मेला।

- डॉ.फहीम अहमद

असिस्टेंट प्रोफेसर हिन्दी, एमजीएम कॉलेज, 

संभल, उत्तर प्रदेश

ये भी पढ़ें; Poem on Pustak Mela in Hindi : पुस्तक मेला पर बाल कविता

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें (0)

#buttons=(Accept !) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Learn More
Accept !
To Top