छोटे बच्चों की कविताएँ हिंदी में : परशुराम शुक्ल की पाँच बाल कविताएँ - Chhote Bacchon Ke Liye Poems

Dr. Mulla Adam Ali
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Dr. Parashuram Shukla Bal Kavita In Hindi : Bachhon Ke Liye Kavita

Bachhon Ke Liye Kavita

पाँच बाल कविताएं : बच्चों के लिए पाँच बाल कविताएँ 1. सवेरा 2. चाँद के देश 3. खिलौने 4. मेरी गुड़िया 5. छुट्टी। हिन्दी बाल कविताएँ, सवेरा बाल कविता, चाँद के देश बाल कविता, खिलौने बाल कविता, मेरी गुड़िया बाल कविता, छुट्टी बाल कविता। बाल साहित्यकार डॉ. परशुराम शुक्ल की हिन्दी बाल कविताएँ हिन्दी में, सुबह के विषय पर बेहतरीन कविता। Bal Kavita Early Morning, Poem on Moon, Poem on Toy, Poem on Holiday, Poem on Meri Gudiya in Hindi, Bal Geet, Children's Poems in Hindi, Bal Geet in Hindi...

छोटे बच्चों की कविताएँ हिंदी में : Chhote Bacchon Ke Liye Poems Hindi Mein

Bal Kavita Savera : बच्चों की मजेदार बाल कविता सवेरा - सुबह पर कविताएँ 

1. सवेरा


सोनचिरैया अपने मुँह में,

तिनका दाबे आयी।

चींची करके बोली मुझसे,

उठ जा कृष्ण कन्हाई।


भोर हुई सूरज ने लाली,

चारों ओर बिछायी।

रात गयी सब फूल खिल गये,

धरती माँ मुस्कायी।


शीतल मन्द पवन के झोंके,

ले पुरवैया आयी।

पक्षी भी सब लगे चहकने,

नभ पर आभा छायी।


लहरें फिर से लगीं मचलने,

ऐसा हुआ सबेरा।

नभ चर थल चर सभी चल पड़े

छोड़ा रैन बसेरा॥


मेरे बेटे देर करो मत,

अब तो आँखें खोलो।

प्रकृति सुन्दरी के दर्शन कर,

जीवन में रस घोलो॥


चंदा मामा पर कविताएँ : Chand Ke Desh Poem on Moon in Hindi - चाँद के देश कविता

2. चाँद के देश


रात परी सपने में आयी,

खेल खिलौने संग में लायी।


बोली चलो हमारे देश,

मैं चल पड़ा चाँद के देश॥


बादल से हम उड़ते जाते,

हँसते और खेलते गाते॥


छूटे पीछे देश विदेश,

मैं चल पड़ा चाँद के देश॥


चाँद देश था सबसे न्यारा,

परियों जैसा प्यारा प्यारा।।


ना उसमें दुख था ना क्लेश,

मैं रह गया चाँद के देश॥


खिलौने पर कविता : Poem On Toys in Hindi - Khilaune Par Kavita

3. खिलौने


राधा, सीता, मोहन, रामू,

अपने सभी खिलौने लाये।

साफ जगह करके थोड़ी सी

बड़े जतन से उन्हें सजाये।।


रामू का मिट्टी का हाथी,

सबसे भारी, बड़ा निराला।

दाँत निकाले बड़े-बड़े वह,

रंग रूप में बिलकुल काला।।


राधा की गुड़िया रानी को,

मोहन का गुड्डा मन भाया।

सीता की बूढ़ी दादी ने

उन दोनों का ब्याह रचाया।।


हिन्दी गुड़िया कविता : Meri Gudiya Hindi Poem - मेरी गुड़िया कविता

4. मेरी गुड़िया


मेरी गुड़िया बड़ी सयानी,

रोज घूमने जाती है।

और रात सोने के पहले

सब्जी पूड़ी खाती है।।


सारा दिन मेहनत करती है,

शाला पढ़ने जाती है।

इम्तहान में गुड़िया हरदम,

पूरे नम्बर लाती है।।


गुड्डे राजा से लड़ती है,

लड़कर मार भगाती है।

और रूठ जाने पर उसके

रोकर उसे मनाती है।।


छुट्टी के विषय पर बेहतरीन कविता : छुट्टी पर कविता - Poem On Holidays in Hindi

5. छुट्टी


इम्तहान सब खतम हो गए,

मई-जून की छुट्टी आई।

पढ़ना लिखना बन्द हो गया,

सब बच्चों पर मस्ती छाई ।


कोई क्रिकेट बाल खेलता,

कोई नानी के घर जाता।

कोई अपने रंग सजाकर,

सुन्दर सुन्दर चित्र बनाता।।


सब बच्चे वह करने लगते,

जो कुछ उनके मन में होता।

लेकिन मोटा, नाटा बबलू,

चादर तान रात दिन सोता।।

- डॉ. परशुराम शुक्ल

बाल साहित्यकार,

भोपाल (मध्यप्रदेश)

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