देशभक्ति गीत : गीत वतन के गाते हैं हम - डॉ. गिरिराजशरण अग्रवाल

Dr. Mulla Adam Ali
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Dr. Girirajsharan Agarwal Poetry in Hindi : Geet Vatan Ke Gaate Hai Hum Patriotic Poem in Hindi

Geet Vatan Ke Gaate Hai Hum

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हिन्दी देशभक्ति कविता : Patriotic Poem in Hindi

गीत वतन के गाते हैं हम


गंगा की धारा-सा पावन

भारत माँ का अनुपम आँगन

धर्म ध्वजा फहराने वाला

वृंदावन - सा है जन-जीवन

गूँजी वेद ऋचाएँ इसमें

इसको शीश झुकाते हैं हम


राम-कृष्ण की है ये धरती

मन में बीज प्यार के भरती

संतों, ऋषि-मुनियों की वाणी

मलयानिल-सी यहाँ विचरती

मात-पिता की सेवा करके

जीवन स्वर्ग बनाते हैं हम


नदियाँ, झरने, पर्वत प्यारे

हैं जीवन का का स्रोत हमारे

वन, उपवन मन-मन में भरते

सद्भावों के गीत दुलारे

सबके हित में अपना हित है

ऐसे भाव जगाते हैं हम

- डॉ. गिरिराजशरण अग्रवाल

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