नेताओं पर कविता : नेता के विषय पर बद्री प्रसाद वर्मा अनजान की बेहतरीन कविता

Dr. Mulla Adam Ali
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Poem on Neta Ji : Poem on Politician in Hindi

Poem on Politician in Hindi

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नेता जी

पांच राज्यों में चुनाव का 

बिगुल बज गया भाई। 

हर नेता की देखो 

नींद उड़ गई भाई। 


मची हुई है नेताओं में 

टिकट की मारा मारी। 

जिसकी जितनी पहुंच है 

वही पड़ रहा भारी 


वोट के लिए नेता जी 

सबके हाथ जोड़ रहे हैं। 

तरह तरह का लालच 

जनता को दे रहे हैं। 


जनता जान चुकी है 

नेताओं की चार सौ बीसी। 

इसलिए वोटर सारे

कर रहे लूसा लूसी। 


सत्ता पा कर नेता जी 

नशे में चूर हो जाते हैं। 

जनता से किया सब वादा 

सत्ता पाते भूल जाते हैं। 


- बद्री प्रसाद वर्मा अनजान 

गल्ला मंडी गोला बाजार 273408

गोरखपुर उ. प्र.

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