हिंदी व्यंग्य : वाह री एलियन नजरें - बी. एल. आच्छा

Dr. Mulla Adam Ali
0

Hindi Vyanga Lekh by B. L. Achha

Hindi Vyanga Lekh

वाह री एलियन नजरें

- बी. एल. आच्छा

     विक्रम लैंडर ने इतिहास रच दिया। रोवर प्रज्ञान ने चन्द्र-घुमक्कड़ी कर ली। फोटो क्या भेजे, तहलका मच गया। लेकिन करवा चौथ पर चलनी से चाँद को देखनेवाले देश की इलेक्ट्रॉनिक पत्रकारिता गजब की है। अब तक सिनेमाई गीत गाते हुए पाल वाली नाव में सैर कर रहे थे - 'चलो दिलदार चलो, चाँद के पार चलो।' मगर चन्द्रयान के साथ नजरें गड़ाये, वे भी धरती पर अपने लैण्डर से अपने प्रज्ञान को चलाते रहे।

       प्रज्ञान तो चाँद की सतह से फोटो भेजता रहा। पर धरती के प्रज्ञानों ने उसमें एलियन्स भी देख लिए। कई बार तो सोशल मीडिया पर इमोजी तक सेलेक्ट -पोस्ट करने के लिए वक्त लग जाता है। पर इलेक्ट्रोनिक विडियोग्राफी में तो एलियन्स को चिपका ही दिया। इसरो कहे न कहे, पर किंवदंतियों और अनुमानों के बहाने एलियन्स की चहल- पहल तो दिखा ही दी। यों चाँद तो है ही कल्पना की चित्र-गैलेरी। तो जोड़- तोड़ की फोटोग्राफी अब पुरानी बात है। अब तो विडियो जोड़- तोड़ के न्यूज- बमब्लास्ट हैं। अपने काम का निकालो। काट- पीट कर हल्ला मचवा दो। एक बार झूठ फैल गया तो सच्चाई सिर पीटती रहेगी, न्याय के मंदिरों में।

    अब चन्द्रमा पर एलियन्स ही नहीं दिखे। सोना भी दिख गया। प्रज्ञान ने तो चन्द्र सतह को कुछ सेन्टीमीटर ही कुतरा था। चला भी कुछ ही फीट। सरकारें होती तो फब्ती कस देते-नौ दिन चले अढ़ाई कोस।पर कल्पनाओं की विडियोग्राफी तो दक्षिण ध्रुव पर उतरे रोवर प्रज्ञान के बहाने जैसे चन्द्रमा के उत्तरी ध्रुव को भी देखे जा रही थी। लगे हाथ सोना दिख गया। जैसे कि चन्द्रमा के रिजर्व बैंक का सोना सतह पर ही सिल्लियों में खुला पड़ा हो। अजीब है कि चीन धरती के कई किलोमीटर अंदर की चट्टानों से खनिज खोजने की तैयारी कर रहा है, मगर इस इलेक्ट्रॉनिक आँख को सोना मिट्टी के कणों में नहीं सीधे नजर आ रहा है। 

       अब कहीं धर्म स्थलों के अवशेषों के संकेत देने में भी कौन चूकेगा? फेसबुक पर वीडियो हरकतों ने संकेत दे दिए हैं।हाथ इतने लंबे न कर दें कि अपने प्लॉट की बाउंड्री वाल ही खींच दें। चन्द्र- निगम की अनुमति के बगैर। यों दुनिया के झंडाबरदार देश किसी कौतूहल में नहीं पगे हैं। भीतर के स्कैनर से चंद्रमा के भीतर की सतहों की लक्ष्मी तलाश रहे हैं। चंद्रमा का सौंदर्य- बिंब, स्वर्ण भंडार -बिंब में कन्वर्ट हो रहा है। तैल के कुएं न सही बैटरी के लिए लीथियम ही मिल जाए।बस्तियों के लिए महाबाड़े के पत्थर गड़ जाएं।

     आर्म स्ट्रांग चन्द्रमा की सतह पर चले। पर एलियन्स नहीं दिखे। विज्ञान का नासा कुछ कह नहीं पाया। पर किम्वदन्तियां राज करती रहीं। अब चन्द्रयान का प्रज्ञान अपना चित्र-ज्ञान भेजता रहा। तो धरती के विडियो- वैज्ञानिकों का प्रज्ञान अपने कल्पनाशील प्रज्ञान को लैण्डर में ही कैद कैसे रहने दे? सो असल चित्रों के निचले पृष्ठ भाग में इमोजियों की तरह उछलते-कूदते एलियन्स को दिखाने में कैसे चूकते। जहाँ न पहुँचे कवि, वहाँ पहुँचे थे- धरती के प्रज्ञान विडियो -रवि। दक्षिण ध्रुव के अन्धेरे में भी उनको उछलते-कूदते एलियन को देख ही लिया। विज्ञान ने कितनी सच्चाई दी है, पर आदमी ने विज्ञान के बहाने कैसी विडियो- कला विकसित कर ली है। साइबर क्राइम जोड़तोड़ की तरह कब वे एलियन्स को क्रेडिट कर दें, कब डेबिट कर दें अपनी विडियो- कला में।

     अभी तो आठ सेन्टीमीटर की खुदाई में प्रज्ञान को दस डिग्री ठंडक दे दी है। चन्द्रमा के एक दिन के बराबर धरती के चौदह दिनों बाद और कितना ठंडा कर देगा रोवर प्रज्ञान को। लेकिन चन्द्रमा पर एलियन्स की किम्वदन्तियाँ बगैर रौशनी के नहाती रहेंगी। 

     अजीब है, अभी हिमालय में यति के पैरों के निशान दिखाने की कवायदें ही हजारों बरसों से हो रही है, तो चन्द्रमा के एलियन्स से आदमी कब हाथ मिलाएगा? पर सोशल मीडिया कभी खाली समय में हिमयुग को तो कभी ग्लैशियर- पिघलन के भविष्य को पूरे आर्केस्ट्रा के साथ टीआरपी धुन में बजाता रहेगा। वाह री डिजिटल पर फिजिकल की एलियन दृष्टि।पर विडियो -प्रज्ञान के इन कल्पनावीरों की यशगाथा कैसे गाएं।ये बिना आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के समझ जाते हैं कि जोहानिसबर्ग में दो नेताओं के बीच क्या बात हुई। अब तो यूक्रेन -रूस के बीच राग युद्ध-कौंस का पतझड़ -संगीत बज रहा है। वरना टीआरपी के लिए न्यूज-नृत्य करते एंकर तीसरे विश्व युद्ध के सारे गाजे-बाजे बजाने में कोरकसर नहीं रखते थे। अब एलियन -राग कितने दिन चल सकता है, यह तो सोशल मीडिया का पोस्टबॉक्स ही बताएगा।

- बी. एल. आच्छा

फ्लैटनं-701 टॉवर-27

नॉर्थ टाउन अपार्टमेंट

स्टीफेंशन रोड (बिन्नी मिल्स)

पेरंबूर, चेन्नई (तमिलनाडु)

पिन-600012

मो-9425083335

ये भी पढ़ें; चलो बाजार चलो, चाँद के पास चलो - बी.एल. आच्छा

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें (0)

#buttons=(Accept !) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Learn More
Accept !
To Top