सोनचिरैया बाबुल के घर की : हिंदी कविता

Dr. Mulla Adam Ali
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Poem on Great Indian bustard

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सोनचिरैया बाबुल के घर की कविता : वर्तमान में राजस्थान का राज्य-पक्षी सोनचिरैया है, यह विश्व का सबसे बड़े और वजनी उड़ने वाले पक्षियों में से एक है, कई सालों से सोनचिरैया विलुप्त होने की कगार पर है। सोनचिरैया को अंग्रेजी में The Great Indian bustard (Godawan) कहा जाता है, सोहन चिड़ियां' तथा 'शर्मिला पक्षी' नामों से भी जाना जाता है ग्रेट इंडियन बस्टर्ड। आज आपके लिए प्रस्तुत है राजस्थान का राज्य पक्षी (State bird of Rajasthan) पर एक कविता सोनचिरैया बाबुल के घर की, पढ़ें और साझा करें।

राजस्थान राज्य पक्षी सोनचिरैया पर कविता

सोनचिरैया बाबुल के घर की


सोनचिरैया बाबुल के घर की,

चहकती फिरती घर ऑंगन में।

फलती-फूलती कली बाबुल की,

इठलाती देखो घर बाग़ान में।।

 

 योवन की दहलीज पर कदम धरा,

 बाबुल की निन्दिया खो गई।

 नन्हीं सोनचिरैया प्यारी देखो,

पलक झपकते बड़ी हो गई।।


 लाड़ो मेरी है बड़ी सयानी, 

 खूब नाजों के संग पली-बढ़ी।

देखो आज सज-धज के बैठी, 

अपने बाबुल की है नकचढ़ी।।


डबडबाई ऑंखों से बाबुल,

सोनचिरैया को निहार रहे।

नैनों के अश्रु छिपाकर आज, 

जी भरकर खूब दुलार रहे।।


 छोड़ बाबुल का ऑंगन आज 

 लाडली चली है ससुराल।

 विदा करते आज पिता का,

 हुआ व्याकुलता से बुरा हाल।।


बेटी कहलाए धन पराया,

फर्ज मुझे भी आज निभाना।

अपने ज़िगर के टुकड़े को बेटी, 

सोंप पति के हाथ कर्ज चुकाना।।


बोली प्यारी बिटिया रानी,

अरमान मेरे सारे पूर्ण किए।

संस्कार सौरभ का पाठ पढ़ा,

उड़ान भरने को पंख दिए।।


बोले बाबुल भरे नैनों से,

मर्यादाओं का पालन करना।

अपने सुसंस्कारों से बिटिया,

दोनों कुल की लाज रखना।।


 विश्वास आज दिलाती पापा,

 आपका नाम न गिरने दूॅंगी।

आप के दिए संस्कारों को मैं,

अपने जीवन में भर लूॅंगी।।


- मधु माहेश्वरी

सलूंबर राजस्थान

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