Bachhon Ka Chaupal aur Teen Kabutar Hindi Bal Kavitayen, Narendra Singh 'Nihar' Ki Bal Kavitayein, Kids Poems in Hindi.
Narendra Singh 'Nihar' Poetry for Children's
Bal Geet in Hindi : नरेन्द्र सिंह "नीहार" की प्यारी बाल कविताएं – "बच्चों की चौपाल" और "तीन कबूतर" में बच्चों की मासूमियत, मस्ती और सीख को रचनात्मक रूप में पिरोया गया है। इन कविताओं के माध्यम से बच्चे हँसी के साथ ज्ञान भी प्राप्त करेंगे।
नरेन्द्र सिंह "नीहार" की बाल कविताएं
Bachhon Ka Chaupal
बाल कविता : बच्चों की चौपाल
सुनो सुनो, ओ सुनो सुनो,
चलो नीम के नीचे।
बच्चों की चौपाल सजी है,
कुछ फोटो भी खींचे।
चाचा जी की नकल उतारे,
अपना प्यारा चुन्नू।
हा-हा ही-हू करते सारे,
पेट पकड़ता मुन्नू।
ताक-धिनाधिन करती आई,
जब टप्पू की टोली।
लगे नाचने सारे बच्चे,
मन की गांठें खोली।
गिन्नी घुमा रही बातों में,
गाती मधुर तराने।
कविता की बारी आई जब,
ढ़ूढे नये बहाने।
हँसी ठहाके गूँज रहे हैं
बजी जोर से ताली।
इन बच्चों से हम भी सीखें,
जीवन की खुशहाली।
Bal Kavita - Teen Kabutar
बाल कविता : तीन कबूतर
एक सुबह मैं घूम रहा था,
अपने घर की छत पर।
उड़ते - उड़ते नीचे उतरे,
साथी तीन कबूतर।
पहला बोला हमें पढ़ाओ,
ए-बी-सी-डी सर जी।
सहमा- सहमा दूजा बोला,
'मैं जाता हूं घर जी!'
लोटपोट मैं हुआ तीसरे,
का यह कहना सुनकर।
मिड-डे मील खिलाना होगा,
मैं खाऊंगा छ्क कर।
पास बिठाकर उन तीनों को,
बात एक समझाई।
हर दिन दूंगा दाना - पानी,
पहले करो पढ़ाई।।
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