दादा जी की खेत यात्रा – त्रिलोक सिंह ठकुरेला की हास्य कविता

Dr. Mulla Adam Ali
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Hindi Bal Kavita : दादा जी की यह मजेदार कविता पढ़िए, जिसमें खेत पर घूमने गए दादा जी के साथ बंदर, कौआ और लोटे ने मचाया बवाल। त्रिलोक सिंह ठकुरेला की हास्यपूर्ण रचना पढ़े और शेयर करें।

मजेदार हिंदी बाल कविता

दादा जी


दादा जी ने ऐनक पहनी, 

लिया जल भरा लोटा। 

और खेत पर गये घूमने

लेकर मोटा सोटा।। 


थके खेत तक जाते जाते 

बैठे वट के नीचे। 

वह सुस्ताने लगे मेंड़ पर 

दोनों ऑंखें मींचे।।  


ऐनक लेकर बंदर भागा, 

चढ़ा पेड़ पर जाकर । 

कौआ ने लोटे का पानी

पीया चोंच लगाकर।। 


पास बने गड्ढे में खिसका, 

दादा जी का सोटा। 

दादा जी को हुआ अचंभा

समय देखकर खोटा।। 


दादा जी ने पीट लिया सिर 

बार बार पछताए । 

इससे तो घर में अच्छे थे, 

भले घूमने आये।। 


- त्रिलोक सिंह ठकुरेला

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